दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में रविवार को शामिल होने वाले पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने कहा कि, यह उनका सौभाग्य है कि वह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक बड़े क्षण के साक्षी बने। 91वे वर्षीय एच डी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह अपने जीवन में नए संसद भवन में बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक बड़े क्षण का गवाह बना। मैंने 1962 में कर्नाटक विधानसभा में प्रवेश किया और 1991 से संसद सदस्य रहा हूं। 32 साल पहले जब मैंने लोगों के इस महान संसद में प्रवेश किया था। तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं प्रधानमंत्री बनूंगा और मुझे इतने लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन में रहने की उम्मीद नहीं थी।”
एच डी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने एक बयान में कहा कि, “इससे भी बड़ा आश्चर्य यह है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवन में कभी नए संसद भवन में बैठूंगा- मैंने ऐसा 91 साल की उम्र में किया।” जनता दल (सेक्युलर) के संरक्षक ने कहा कि, “भारतीय परंपरा में और सामान्य भारतीय के जीवन में, एक नए घर का निर्माण और एक नए घर में प्रवेश करना बहुत ही शुभ और दुर्लभ क्षण होता है। किसी राष्ट्र के जीवन में यह एक असाधारण क्षण है।”
वही कई प्रमुख राष्ट्रीय हस्तियों को याद करते हुए एच डी देवेगौड़ा ने कहा कि, “हमारा देश और संसद खूनी क्रांति से दागदार नहीं है।” उन्होंने कहा कि, “हम शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीकों के जरिए एक राष्ट्र बने। यह एक अमूल्य उपलब्धि थी। यह हमारी विरासत है और यही मूल्य प्रणाली है। जिसे हमें संरक्षित करना है और अपनी आने वाली पीढ़ियों को देना है।”
एच डी देवेगौड़ा ने कहा कि, “भारत के लोग हमेशा सतर्क और बहुत समझदार रहे हैं और जब भी उन्होंने किसी को अत्याचार करते और देश के संतुलन को बिगाड़ते देखा है। तो लोगों ने चुपचाप उन्हें इस महान संसद से बाहर निकाल दिया।” उन्होंने कहा, “नए संसद भवन के उद्घाटन के इस अवसर पर मैं भारत के सभी लोगों को नमन करता हूं।”