रोहतक के बालंद गांव में दो भाइयों के संयुक्त परिवार के नौ सदस्यों के खाने में ऐसा क्या मिला था, जिससे सबकी न केवल तबीयत बिगड़ गई, बल्कि तीन मासूम बेटियों की मौत हो गई? गुरुवार को डॉक्टरों का तीन सदस्यीय पैनल शवों का पोस्टमार्टम करेगा। रिपोर्ट के बाद मौत का कारण पता चलेगा।
पुलिस के मुताबिक बालंद गांव निवासी कृष्ण के दो बेटे हैं। एक बेटा राकेश जहां खेतीबाड़ी करता है, जबकि राजेश ट्रांसपोर्टर का काम करता है।
खाना खाने के बाद बिगड़ गई नौ सदस्यों की तबीयत
15 अगस्त को परिवार पेठे की सब्जी के साथ रोटी खाकर सो गया। सुबह उठे तो राकेश, उसकी पत्नी मोनिका, राजेश, उसकी पत्नी सीमा, राजेश की सात साल की बेटी दिव्या, 10 साल की गनिका, दो सल की इंयाशु, राकेश की आठ साल की बेटी लक्षिता व 10 साल के बेटे जनित की तबीयत बिगड़ गई। सभी उल्टी करने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि सभी को गांव के एक डॉक्टर के पास ले जाया गया।
डॉक्टर ने सामान्य बदहजमी मानकर दवाई दे दी। इसके बावजूद उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। शाम को परिवार के लोग सभी को खेड़ी साध के नजदीक निजी अस्पताल में लेकर आए, जहां दिव्या, इयांशू और लक्षिता की मौत हो गई। जबकि गणिका तबीयत चिंताजनक हालत में थी। परिवार के छह लोगों का अभी निजी अस्पताल में ही उपचार चल रहा है।
अधिकारी के अनुसार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता लग सकेगा कि आखिर किस वजह से परिवार के नौ सदस्यों की तबीयत बिगड़ी। साथ ही गांव के उस डॉक्टर के भी बयान दर्ज करेंगे, जिसने प्राथमिक उपचार किया है।