हरदोई: सपा से निष्कासित नेता पर फर्जी रूप से वकालत करने का मुकदमा दर्ज

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Hardoi: कुलदीप सिंह उर्फ के.डी. यादव समाजवादी पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे है। क्षय रोग विभाग से वर्ष 2018 में नौकरी से बर्खास्त किए जाने के बाद अधिवक्ता उन्होंने एक वकील के रूप में कार्य करना प्रारंभ कर दिया।

बीते दिनों समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा के कुर्सी पर कब्जा करने के बाद समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए जाने पर कुलदीप सिंह उर्फ के.डी. यादव मीडिया की सुर्खियो में छाए हुए थे।

विगत 11 जनवरी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक कथित रेप पीड़िता का मुकददमा यादव ने लड़ा। यह मुकददमा ग्राम प्रधान सोनेपुर सुरेंद्र सिंह के विरुद्ध था। जिसकी पैरवी के दौरान तमाम आरोप लगाते हुए व अपने आप को अधिवक्ता बताते हुए पुलिस से शिकायत यादव ने दर्ज करायी थी।

ग्राम प्रधान ने की शिकायत

इसी दौरान ग्राम प्रधान सोनेपुर सुरेंद्र सिंह को सूत्रों से ज्ञात हुआ कि कुलदीप सिंह उर्फ के.डी. यादव किसी अन्य के अधिवक्ता पंजीयन प्रमाण पत्र के आधार पर हरदोई में फर्जी रूप से कार्य कर रहा है। सुरेंद्र सिंह द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी द्वारा कराई गई गहन छानबीन में पाया गया कि कुलदीप सिंह उर्फ केडी यादव जनपद रायबरेली में पंजीकृत अधिवक्ता के पंजीयन प्रमाण पत्र के आधार पर हरदोई में वकालत कर रहा है।

के.डी. यादव के विरुद्ध पूर्व में भी 17 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद ग्राम प्रधान सोनेपुर सुरेंद्र सिंह की तहरीर पर थाना कोतवाली शहर में धारा 419, 420 के तहत के.डी. यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।