मध्यप्रदेश के हरदा में कल यानि 6 फरवरी को एक भीषण हादसा हो गया, जिसे जानने के बाद हर कोई हैरान है। वही इस हादसे की खबर जानने के बाद अभी तक हर कोई दहशत में है। बता दे कि, मध्य प्रदेश के हारदा में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई और 174 अन्य घायल हो गए, बिना लाइसेंस वाली फैक्ट्री में एक के बाद एक कई विस्फोट हुए।
जानकारी के मुताबिक ये फैक्ट्री पिछले 2 दशक से ज्यादा समय से बिना वैध लाइसेंस और जरूरी सुरक्षा सावधानियों के बिना चल रही थी। बता दें कि साल 2017 में पटाखा यूनिट मालिकों ने विस्फोटक अधिनियम के तहत लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, तब तत्कालीन हरदा जिला कलेक्टर को पता चला कि राजधानी भोपाल से करीब 150 किमी दूर हरदा शहर के बाहरी इलाके में मौजूद फैक्ट्री बिना आवश्यक लाइसेंस के पटाखे बना रही थी। मौजूदा परमिट में सिर्फ चाइनीज पटाखे और फुलझड़ियां समेत स्टोरेज और बिक्री की परमिशन थी।
इस उल्लंघन के बावजूद, सील किए जाने तक फैक्ट्री ने साल 2017 में पटाखे बनाना जारी रखा। अगस्त 2018 तक गैर-परिचालन बाकी रहा। हालांकि, फैक्ट्री ने 2018-19 में परिचालन फिर से शुरू किया, 2022 तक अपने स्टॉकिंग और बिक्री लाइसेंस को रिन्यू करवाने का प्रबंधन किया। बता दें कि इसी फैक्ट्री में तीन साल पहले हुए एक अन्य विस्फोट में एक ही परिवार की तीन महिला मजदूरों की जान चली गई थी।
2021 में हुई एक और घटना में 3 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में फैक्ट्री मालिकों में से एक, राजेश अग्रवाल कोगिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं और सुरक्षा चिंताओं के बाद भी साल 2022 में कारखाने का लाइसेंस रिन्यू कर दिया गया, जिससी वजह से फैक्ट्री में पटाखे बनना जारी रहे और ये घटना हो गई।
अग्रवाल परिवार में राजनीतिक रसूख रखने वाले व्यक्ति पटाखा फैक्ट्री के मालिक हैं। उनको साल 2017-18 में फैक्ट्री को फिर से खोलने के लिए हरदा जिला प्रशासन को प्रभावित करने की कोशिश के आरोपों का सामना करना पड़ा। हालांकि, इन कोशिशों को तत्कालीन जिला कलेक्टर ने फेल कर दिया, जिन्होंने राजनीतिक प्रभाव के बजाय सुरक्षा को प्राथमिकता दी। फैक्ट्री में एक बार फिर से हुए विस्फोट के मामले में मालिक, राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल समेत एक अन्य व्यक्ति रफीक खान को गिरफ्तार किया गया है।