ग्रेनो वेस्ट (Greno West) के रहने वाला युवक रंजीत (26) के मर्डर का खुलासा ग्रेटर नोएडा की पुलिस ने कर दिया है। पुलिस ने मर्डर के आरोप में रंजीत की प्रेमिका और उसके माता-पिता समेत पाँच लोगों को हिरासत में लिया है।
प्रेमिका ने कॉल कर रंजीत को परिजनों से शादी की बात करने के लिए गाजियाबाद के बम्हेटा गाँव में अपने घर बुलाया था। जहाँ परिवार वालो ने उसकी हत्या कर रंजीत की लाश को चिपियाना गाँव के तालाब में फेंक दिया। पुलिस ने आठ महीने बाद तालाब से नरमुंड और हड्डियां बरामद की हैं।
आठ साल चला मिस्ड कॉल प्रेम का सिलसिला
रंजीत और उसकी प्रेमिका की प्रेम कहानी करीब आठ साल पूर्व एक मिस्ड साल से शुरू हुई थी। जहाँ इनकी ये प्रेम कहानी बातों से शादी के मंडप तक ले आई लेकिन रंजीत मंडप पहुँचने के बजाय मौत के घाट पहुँच गया। उसकी प्रेमिका के घरवालो ने मिलकर उसका खून कर दिया और उसे मारकर तालाब में फ़ेक दिया।
बिसरख कोतवाली पुलिस ने बेशक रंजीत के अपनी प्रेमिका का वीडियो बनाकर उसके भाई को भेजने और शादी का दबाव बनाने पर हत्या का खुलासा किया है। परन्तु खुलासे के दौरान कोतवाली पहुँचे रंजीत के परिवार वालो ने आरोप लगाया कि युवती के परिजन जाति के कारण से रंजीत से शादी करने के खिलाफ थे।
तालाब के पास से बरामद हुई रंजीत की हड्डिया
ग्रेनो वेस्ट (Greno West) निवासी रंजीत का करीब आठ साल से प्रेम संबंध था और दोनों एक- दूजे से मिला करते थे। दर्ज एफआईआर में शिकायतकर्ता ने शिकायत की है कि, युवती ने विवाह का झांसा देकर रंजीत से ज़ेवर भी बनवा लिए थे। वह जो कुछ भी कमाता था प्रेम प्रसंग में ही ख़तम कर देता था।
पुलिस ने बताया कि, आठ साल पहले मिस्ड कॉल के जरिये रंजीत और उसकी प्रेमिका की पहचान हुई थी। इसके बाद दोनों में दोस्ती हुई और फिर उनकी निकटता बढ़ गई थी। इधर पुलिस ने तालाब के पास से बरामद रंजीत की हड्डी को डीएनए जांच के लिए भेज दिया है।
शादी की बात करने प्रेमिका के घर पंहुचा था प्रेमी
पुलिस के अनुसार, 13 जून को रंजीत शादी की बात करने के लिए बम्हेटा स्थित युवती के घर पहुँचा। यहाँ रामबाबू ने रंजीत के हाथ, मनीष ने पैर पकड़े, शुभम उर्फ शिवम दुबे ने गला दबाकर हत्या की। प्रेमिका और उसकी मां बीना मौके पर मौजूद रही। इसके बाद शुभम और मनीष बाइक के बीच में रंजीत का शव बैठाने की अवस्था में रखकर चिपियाना में लेकर गए। जहाँ उन्होंने तालाब में शव फेंक दिया।
पांच महीने तक रंजीत का पता नहीं चला था
वही रंजीत के भाई गुड्डू ने बताया कि, भाई के लापता होने के बाद उन्हें थाने से लेकर चौकी के चक्कर लगाने पड़े थे। बिसरख कोतवाली पुलिस रंजीत की गुमशुदगी 24 नवंबर को दर्ज की। जहाँ रंजीत का कोई अता-पता नहीं चल पा रहा था। कंकाल बरामद होने के बाद पुलिस ने पांच फरवरी को सभी आरोपियों को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज की और सोमवार को पांचों को गिरफ्तार कर लिया।