आज से निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से यह रथ यात्रा निकाली जाती है।

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20 जून यानि मंगलवार को ओडिसा के पुरी समेत देश के कई हिस्सों में भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की भव्य रथ यात्रा (Rath Yatra) निकाली जा रही है। इस भव्य रथ यात्रा (Rath Yatra) में शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पुरी के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) पहुंचते हैं। इसके अलावा अन्य दूसरे शहरों में भी रथ यात्रा (Rath Yatra) निकाली जाती है। हिंदू धर्म में इस रथ यात्रा (Rath Yatra) का विशेष महत्व है। कहते हैं कि, जो भी व्यक्ति जगन्नाथ जी की रथ यात्रा में शामिल होता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और पूरे साल उनके परिवार पर लक्ष्मी नारायण की कृपा बरसती है।

जाने कब निकाली जाती रथ यात्रा

बता दे कि, जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) को रथोत्सवन के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से यह रथ यात्रा निकाली जाती है। रथ यात्रा का यह उत्सव पूरे 10 दिनों तक पूरा देश धूमधाम से मनाता है। आज के दिन भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के संग नगर भ्रमण को निकलते हैं। इस दौरान अलग-अलग रथों में तीनों की मूर्तियां स्थापित करके बहुत ही भव्य तरीके से रथयात्रा निकाली जाती है।

ओडिसा के पुरी की यह रथ यात्रा सौहार्द्र, भाई-चारे और एकता का प्रतीक है। इस यात्रा में भाग लेने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु देश के अलग-अलग कोनों से यहां आते हैं और भगवान के रथ को खींचकर सौभाग्य पाते हैं। कहते हैं जो भी व्यक्ति रथ यात्रा में शामिल होता है, उसे हर प्रकार की सुख-समृद्धि मिलती है।

इन जगहों पर भी निकाली जाती है रथ यात्रा

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा रथ में बैठकर अपनी गुंडिचा मंदिर जाते हैं। कहते हैं कि, गुंडिचा मंदिर जगन्नाथ जी का मौसी का घर है। यहां पर तीनों भाई-बहन 7 दिनों तक विश्राम करते हैं। इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा को मंदिर में वापस स्थापित कर दिया जाता है।

ओडिसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बड़े ही धूमधाम तरीके से निकाली जाती है। इसके अलावा गुजरात, मथुरा, वाराणसी, दिल्ली, भोपाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, कानपुर और अन्य दूसरे शहरों में भी यह रथ यात्रा निकाली जाती है।

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