दिल्ली में G20 सम्मेलन की भव्य तैयारी, कई देशो के नेता होंगे उपस्थित

दिल्ली में जी20 का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा। इसमें कुल 43 देशों और संगठनों के प्रमुख और उनके प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे।

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G-20 summit

इस वर्ष G20 की अध्यक्षता भारत के पास है, लिहाजा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। दिल्ली में दुनिया के सबसे ताकतवर देशों के नेता और राजनायिक जुटेंगे। ये जी20 का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा। इसमें कुल 43 देशों और संगठनों के प्रमुख और उनके प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे। जिसमें G20 के 19 सदस्य देश और यूरोपीय यूनियन के प्रमुख होंगे। साथ ही अतिथि के तौर पर 9 अन्य देशों के प्रमुखों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है।

कई देशो के नेता इस समेल्लन में होंगे शामिल

जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इस समूह में भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। भारत ने एक दिसंबर 2022 को इंडोनेशिया से इस बार की जी20 की अध्यक्षता हासिल की थी।

G20 का यह है थीम

वही G20 का थीम है ‘वसुधैव कुटुम्बकम’, यानी ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य।’ इस शिखर सम्मेलन का केन्द्र प्रगति मैदान में नया बना भारत मंडपन होगा। इसमें हिस्सा लेने आने वाले नेता और राजनयिक दिल्ली और एनसीआर के अलग-अलग हिस्सों में ठहरेंगे। दिल्ली में इसके लिए ख़ास तैयारी की जा रही है। पूरी दिल्ली खासकर आयोजन स्थल और आसपास के इलाकों को सजाया जा रहा है।

पीएम ने जी20 सम्मेलन को लेकर कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 की अध्यक्षता को खास मानते हुए कहा है कि, ‘आज जी20 सम्मेलन की मेजबानी करने का भारत को अवसर मिला है। पिछले एक साल से देश के हर कोने में जिस तरह से जी-20 के अनेक आयोजन व कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्य लोगों के सामर्थ्य से दुनिया को ​परिचित करवाया है। भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जी20 का अध्यक्ष होने के नाते भारत द्वारा चुनी थीम वैश्विक सौहार्द को दर्शाती है। थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ ये दर्शाती है कि दुनिया का साझा, परस्पर संबद्ध भविष्य है। इसीलिए हमारे फैसले और हित भी समान होने चाहिए।’

पूरा देश जी20 शिखर सम्मेलन का मेजबान है: पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली वासियों से भी अपील की है कि जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के कारण यहां कई देशों के नेताओं की मौजूदगी होगी। इस वजह से हो सकने वाली असुविधा के बावजूद वे इस आयोजन को सफल बनाने में मदद करें। उन्होंने कहा, ‘पूरा देश जी20 शिखर सम्मेलन का मेजबान है, लेकिन मेहमान दिल्ली में आ रहे हैं। दिल्ली वासियों पर इस जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने की विशेष जिम्मेदारी है। उन्हें ये सुनिश्चित करना होगा कि देश की प्रतिष्ठा पर तनिक भी आंच न आये।

आपकी जिम्मेदारी है कि देश का तिरंगा शान से ऊंचा लहराता रहे: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘5 सितंबर से 15 सितंबर तक बहुत असुविधा होगी और उसके लिए मैं पहले से माफी मांगता हूं। वे हमारे मेहमान हैं। यातायात नियम बदल जाएंगे। आपको कई जगहों पर जाने से रोका जाएगा, लेकिन कुछ चीजें जरूरी हैं। जी20 में दिल्ली वासियों की बड़ी जिम्मेदारी है। ये सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है कि देश का तिरंगा शान से ऊंचा लहराता रहे।’

8 से 10 सिंतबर तक दिल्ली में सार्वजनिक छुट्टी

जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर 8 से 10 सिंतबर तक दिल्ली में सार्वजनिक छुट्टी घोषित की गई है। दिल्ली सरकार ने फ़ैसला किया है कि दिल्ली सरकार और एमसीडी के सभी दफ़्तर 8 से 10 सितंबर तक बंद रहेंगे। सभी स्कूलों में भी 3 दिनों की छुट्टी घोषित की गई है। दिल्ली से सभी निजी और सरकारी दफ़्तर भी इस दौरान बंद रहेंगे। नई दिल्ली ज़िले के तहत आने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान भी बंद रहेंगे। साथ ही नई दिल्ली ज़िले में स्थित दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी बंद रखा जाएगा।

इस दिन हुई थी G20 की स्थापना

बता दे कि G20 की स्थापना साल 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। जहाँ G20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है। यह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था का एक मंच है। इसमें 20 देश शामिल हैं।

इन देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए और यूरोपीय संघ (EU) भी है।