Ghaziabad: गाजियाबाद के इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र के कनावनी गांव में रविवार रात ऑटो चालक धर्मपाल को एक सड़क दुर्घटना के मामले में पुलिस चौकी ले जाने पर संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। परिजन और गांव के लोगों ने पुलिस हिरासत में चालक की बुरी तरह पिटाई के बाद मौत का आरोप लगाया। सोमवार को परिजनों ने सीआईएसएफ रोड पर जाम लगाकर हंगामा किया। स्वजन और ऑटो चालक पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगाकर करीब पांच घंटे तक हंगामा किया।
मृतक के गुस्साए परिजनों ने इंदिरापुरम पुलिस को काफी देर तक शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया। इसके बाद सड़क जाम और हंगामे की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिवार के लोगों को समझाने का प्रयास किया। इस बीच सूचना मिलने पर ऑटो यूनियन के चालक भी बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर सीआईएसफ रोड पर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कनावनी चौकी के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। पुलिस अधिकारी ने लोगों को समझाकर शांत कराया इसके कुछ देर बाद परिजन चालक धर्मपाल का शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाने को तैयार हुए।
ऑटो चालक के भाई ने बताया कि रात करीब 10:30 बजे ताऊ के लड़के धर्मपाल की साइकिल सवार दो लोगों से टक्कर हो गई थी। सूचना मिलने पर वह शांति गोपाल अस्पताल पहुंचे और चोटिल दोनों लोगों का उपचार कराने को तैयार हो गए थे लेकिन कनावनी चौकी पुलिस धर्मपाल को जबरदस्ती अपने साथ ले गई।
रात 1:30 बजे करीब पुलिस ने उन्हें फोन किया और भाई को ले जाने के लिए कहा। आरोप है कि वह गंभीर हालत में धर्मपाल को अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डीसीपी ट्रांस हिंडन डॉ दीक्षा शर्मा का कहना है कि चालक धर्मपाल को रात सीने में दर्द होने की वजह से 11:00 बजे ही छोड़ दिया गया था। परिजनों का आरोप निराधार है।