यूपी के गाजियाबाद (Ghaziabad) में लोकसभा चुनाव से पहले पुलिस ने एक पूर्व फौजी को गिरफ्तार करने का काम किया है जो की शस्त्र के फर्जी लाइसेंस बनाने का काम कर रहा था। पकड़े गए आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई और उसे जेल पहुंचाया गया।
जम्मू कश्मीर से बनवा रहा था फर्जी शस्त्र लाइसेंस
गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले की क्राइम ब्रांच पुलिस टीम ने जम्मू-कश्मीर से फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर यूपी की दुकानों से लोगों को असलहा दिलवाने वाले पूर्व फौजी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से आठ फैक्ट्री मेड पिस्टल, रिवाल्वर, रायफल व डबल बैरल बंदूक और दो फर्जी शस्त्र लाइसेंस, आर्मी का फर्जी पहचान पत्र के अलावा शस्त्र बनाने की बुक और मुहरें बरामद हुई हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी के पास से जो असलहा बरामद हुआ है, वह लोगों ने शस्त्र लाइसेंस रिन्यूवल के लिए उसे दिए थे।
पकड़े गए आरोपी को लेकर एडीसीपी ने दी जानकारी
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर यूपी की दुकानों से असलहा दिलवाने वाले गैंग के बारे में क्राइम ब्रांच टीम प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी को मुखबिर ने सूचना दी थी। जिसके बाद क्राइम ब्रांच टीम आरोपी की घेराबंदी में जुट गई और गैंग के एक जालसाज को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए जालसाज की पहचान ग्राम चिपियाना बुजुर्ग थाना बिसरख जनपद गौतमबुद्धनगर निवासी प्रमेन्द्र कुमार तेवतिया के रूप में हुई है। प्रमेन्द्र मूलरूप से ग्राम गन्नौरा शेख बुलंदशहर का रहने वाला है और पूर्व में भारतीय सेना पुलिस में नायब सूबेदार था। एडीसीपी ने बताया कि सेना में रहते हुए प्रमेन्द्र उक्त गैंग से जुड़ा था, उसका यह सिलसिला वर्ष 2018 में रिटायरमेंट के बाद भी जारी था। क्राइम ब्रांच द्वारा की गई पूछताछ में उसने बताया कि वह पिस्तौल का लाइसेंस दिलाने के लिए 80000 लिया करता था, जबकि राइफल का लाइसेंस दिलाने के लिए 90000 रुपए लेता था। उसने बताया कि लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए वह 5000 लेता था। धर्मेंद्र के पास से लेटर पैड और मुहर भी मिली है।