उत्तर प्रदेश में अभी ज्योति मौर्य का मामला थमा नहीं की एक और ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में दोबारा देखने को मिला है। इस बार भी अधिकारी गाजियाबाद के विकास भवन में तैनात हैं, जबकि महिला कानपुर में समाज कल्याण विभाग में तैनात है। महिला के पति गोपाल बाबू ने लखनऊ में समाज कल्याण विभाग के निदेशक सहित गाजियाबाद के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर सहित कई अधिकारियों को शिकायत भेजी है।
पति गोपाल बाबू ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पत्नी की कामयाबी के लिए ट्यूशन तक पढ़ाया और उनकी सरकारी नौकरी लगवाई, लेकिन जब उनकी सरकारी नौकरी छूट गई तो पत्नी ने भी उनको छोड़ दिया और किसी अन्य अधिकारी के साथ उनके संबंध बन गए उनका कहना है कि जब शादी उनकी शादी हुई तब उनकी पत्नी ने मास्टर ऑफ आर्ट्स किया हुआ था।
वह बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद पर तैनात थे साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने पत्नी को भी पढ़ाया और सरकारी नौकरी की तैयारी कराई। उनकी नौकरी समाज कल्याण विभाग कानपुर में लग गई। सरकारी नौकरी लगने के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनने लगी। 1993 में शादी हुई थी और उसके बाद दो बच्चे हुए।
उनका आरोप है कि पत्नी ने बच्चों को उनके खिलाफ भड़का दिया है कि वो उन बच्चों का पिता नहीं हैं जिसकी वजह से बच्चे भी उनको पिता मानने से इनकार करते हैं। कानपुर में उनके घर पर भी कब्जा कर लिया है। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग दो वर्ष से अलग हैं । नौकरी और घर छूटने के बाद वह अपने अलीगढ़ स्थित पैतृक घर पर रह रहें है।