नकारात्मक ऊर्जा का नाश कर सकारात्मकता का संचार करता है “गायत्री मंत्र”

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पूजा-पाठ में मंत्रों का विशेष महत्व होता है। सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र को बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। इस मंत्र को महामंत्र भी कहा जाता है। देवी गायत्री को वेद माता में वर्तमान, बीता हुआ कल और आने वाले कल का समावेश है। इसी कारण से त्रिमूर्ति के रूप में भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है।

इस मंत्र के जाप से मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है। साथ ही कहा जाता है कि इस मंत्र में इतनी ऊर्जा है कि नियमित रूप से तीन बार इसका जाप करने से सारी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। रोजाना तीन बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र के जाप से कई चमत्कारी लाभ भी मिलते हैं। आइए जानते हैं गायत्री मंत्र का हिंदी अर्थ और इसके जाप से होने वाले फायदों के बारे में…

गायत्री मंत्र व् इसका हिंदी अर्थ

ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

गायत्री मंत्र का हिंदी अर्थ है- ‘उस सर्वरक्षक प्राणों से प्यारे, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तः करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।’

जाप का समय

मान्यताओं के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप तीन बार करना चाहिए। पहला समय है सूर्योदय से ठीक पहले, दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है सूर्यास्त से ठीक पहले।

गायत्री मंत्र जाप के लाभ

कहा जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से दुख और दरिद्रता का नाश होता है और संतान की प्राप्ति होती है। जो भी जातक गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है, उसकी त्वचा में स्वतः ही चमक आने लगती है। साथ ही क्रोध शांत होता है और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र बहुत लाभदायक है। मान्यता है कि रोजाना इस मंत्र का 108 बार जाप करने से विद्यार्थी को सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। पढ़ाई में मन लगने लगता है और एक बार में ही पढ़ा हुआ सब याद हो जाता है।