हापुड़। भाजपा केंद्रीय कार्यालय से जारी प्रत्याशियों की पहली सूची में हापुड़ जिले की तीनों विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। हापुड़ सदर सीट से दोबारा विजयपाल आढ़ती पर विश्वास जताया है। जबकि गढ़ सीट पर कमल सिंह मलिक का टिकट काटते हुए चौधरी चरण सिंह के परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरेंद्र चौधरी तेवतिया को टिकट देकर किसानों को साधने का प्रयास किया गया है। धौलाना सीट पर कड़ा मुकाबला होने की आशंका के बीच धर्मेश तोमर को प्रत्याशी घोषित किया गया है।
विजयपाल आढ़ती ने पिछले चुनाव में चार बार के विधायक रहे गजराज सिंह को हराकर यह साबित कर दिया था कि उनकी ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और अनुसूचित जाति वर्ग पर पकड़ है। इसी आधार पर इस बार उन्हें टिकट दिया गया है। विधायक के साथ-साथ आढ़त का कार्य होने के कारण वे किसानों से सीधे तौर पर जुड़े हैं। हालांकि इस बार रालोद की सदस्यता ग्रहण कर एक बार फिर चुनाव मैदान में कूदे गजराज सिंह और पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह के बेटे मनीष सिंह से उन्हें चुनौती मिल रही है। इस बार चुनावी समीकरण पहले जैसे नहीं हैं।
गढ़ सीट पर वर्तमान विधायक कमल सिंह मलिक का टिकट काटकर गांव नूरपुर निवासी चौधरी चरण सिंह के परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरेंद्र सिंह तेवतिया को प्रत्याशी घोषित किया गया है। वर्ष 2000 से राजनीति में सक्रिय रहे हरेंद्र की पत्नी ममता तेवतिया पहली बार प्रधान बनी थीं। वर्ष 2005 में उनकी पत्नी ब्लाक प्रमुख बनीं और 2010 में दोबारा उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई। वर्ष 2015 में हरेंद्र सिंह जिला पंचायत सदस्य चुने गए। वर्तमान में भी उनकी पत्नी हापुड़ ब्लॉक प्रमुख हैं। गढ़ सीट से कई दिग्गजों के टिकट काटते हुए उन्हें टिकट दिया गया है। उम्मीद है कि किसान आंदोलन के बाद डैमेज कंट्रोल करने के उद्देश्य से उन्हें टिकट मिला है।
धौलाना सीट से सपा से पूर्व विधायक रहे धर्मेश तोमर को टिकट दिया गया है। वर्ष 2012 में उन्होंने सपा में रहते हुए रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। इसी को आधार मानते हुए उन्हें टिकट दिया गया है। लोकसभा चुनाव में धर्मेश सपा छोड़कर भाजपा में आए थे, इसके बाद से लगातार टिकट पाने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि इस दौरान कुछ भाजपा पदाधिकारियों से टकराव की स्थिति को लेकर वे चर्चाओं में रहे। सहकारी समितियों के चुनाव में उन पर विपक्षियों का साथ देने के भी आरोप लगे, लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। वे वर्ष 2000 में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा था। इस सीट पर उनका सीधा मुकाबला सपा के असलम चौधरी से होगा।