लंबे समय तक अगर एक ही मुद्रा में बैठे रहें, तो इसके कारण हाथों-पैरों में सुन्नपन (numbness in hands and feet) हो सकता है। जिसके बाद हाथ-पैरों में झनझनाहट हो सकती है। अगर किसी के साथ ऐसी समस्या अक्सर होती रहती है, तो उन्हें यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए। इस लेख में हम हाथ-पैर सुन्न होना क्या है, इसके कारण, लक्षण और हाथ पैर सुन्न होने का घरेलू उपचार बताने वाले हैं।
क्या है हाथ-पैरों का सुन्न होना ?
हाथों-पैरों का सुन्न होना एक असामान्य संवेदना होती है, जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। लेकिन, ऐसी स्थिति अक्सर हाथों-पैरों और उंगलियों में महसूस हो सकती है। अंग्रेजी में इसे नंबनेस, पेरेस्टेसिया, सेंसरी लॉस, लॉस ऑफ सेंसेशन और पिंस एंड नीडल्स सेंसेशन के नाम से भी जाना जाता है।
इसके कारण
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे या खड़े रहना।
- नर्व से जुड़ी चोट।
- रीढ़ की नर्व पर दवाब पड़ना।
- रक्त वाहिकाओं के बढ़ने से, ट्यूमर या संक्रमण के कारण पेरिफेरल नर्व पर दवाब पड़ना।
- हर्पीज जोस्टर (एक प्रकार का वायरल संक्रमण)।
- अन्य संक्रमण जैसे एचआईवी/एड्स,टीबी या कुष्ठ रोग होना।
- शरीर में कैल्शियम, पोटेशियम या सोडियम का स्तर असामान्य होना।
- शरीर में विटामिन बी1, बी6, बी12 या फोलिक एसिड की मात्रा में कमी होना।
- शराब, तंबाकू या कीमोथेरेपी ड्रग के कारण नर्व डैमेज होना।
- रेडिएशन थेरेपी।
- किसी जानवर के काटने पर।
- किसी कीट के काटने पर।
- सी-फूड विषाक्तता।
लक्षण
- हाथ-पैर सुन्न होना किसी शारीरिक समस्या या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। हालांकि, हाथ-पैर सुन्न होने (numbness in hands and feet) पर निम्नलिखित लक्षण महसूस किये जा सकते हैं-
- प्रभावित अंग में जलन या चुभन वाली संवेदनाएं होना।
- बिना किसी दर्द के हाथ या पैर का सुन्न होना या खुजली होना।
- सुन्नपन का असर रहने तक प्रभावित अंग का ठीक से काम न कर पाना।
- जैसे पैरों में सुन्नपन होने पर चलने में दिक्कत हो सकती है।
घरेलू उपचार
शहद और दालचीनी का उपाय
- सबसे पहले दालचीनी पाउडर और शहद का मिश्रण तैयार कर लें।
- फिर आधा चम्मच इस मिश्रण का सेवन करें।
- आराम न मिलने तक इस उपाय को एक-दो हफ्ते तक किया जा सकता है।
हल्दी दूध
- एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर सेवन करें।
- ऐसा रोजाना रात में सोने से पहले कर सकते हैं।
नारियल तेल और जायफल का चूर्ण
- 50 ग्राम नारियल तेल में 2 ग्राम जायफल का चूर्ण मिलाकर इसका लेप बनाएं।
- फिर इस लेप को प्रभावित अंग पर लगाएं।
- ऐसा समस्या के दौरान रात में सोने से पहले किया जा सकता है।