‘Flying Kiss’ विवाद, प्रियंका चतुर्वेदी ने किया राहुल का बचाव

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, अयोग्यता और उसके बाद कानूनी जीत के बावजूद, राहुल गांधी के शब्द दुश्मनी से प्रेरित नहीं थे।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा कथित तौर पर ‘फ्लाइंग किस’ के इशारे के बाद राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है। जहाँ इस मामले पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। तो वहीं शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने उनके इशारे को ‘स्नेहपूर्ण’ बताया। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा कि जब वो बोल रहे थे तो सारे मंत्री खड़े थे। मंत्री रुकावट डाल रहे थे। उन्होंने स्नेह भरा इशारा किया, इससे आपको क्या दिक्कत है? आप इतनी नफरत के आदी हैं कि प्यार, स्नेह का कोई भी इशारा समझ ही नहीं पाते।’

शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा कि अयोग्यता और उसके बाद कानूनी जीत के बावजूद, राहुल गांधी के शब्द दुश्मनी से प्रेरित नहीं थे। शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘आपने राहुल गांधी को एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया और उन्हें अपने आवास से बाहर कर दिया। वह अपने मामले जीतकर वापस आए। फिर भी, वह नफरत के कारण आपसे बात नहीं कर रहे हैं, यदि आपको कोई समस्या है, तो यह आपकी समस्या है, किसी और की नहीं।’

वही स्मृति ईरानी ने कहा, ‘जिसे मेरे सामने बोलने का मौका दिया गया, उसने जाने से पहले अभद्रता का प्रदर्शन किया। यह केवल एक स्त्री-द्वेषी व्यक्ति है जो उस संसद को फ्लाइंग किस दे सकता है, जिसमें संसद की महिला सदस्य बैठती हैं। संसद में ऐसा अशोभनीय आचरण पहले कभी नहीं देखा गया है।’ राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओएम बिरला को पत्र लिखकर कांग्रेस सांसद पर सदन में अनुचित इशारे करने और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है।

जहाँ पत्र में कहा, ‘मैं आपका ध्यान केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी द्वारा सदन में की गई घटना की ओर आकर्षित करना चाहती हूं। उक्त सदस्य ने केंद्रीय मंत्री और इस सदन की सदस्य स्मृति ईरानी के प्रति अभद्र व्यवहार किया और अनुचित इशारे किए। हम इस तरह के व्यवहार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं, जिसने न केवल सदन में महिला सदस्यों की गरिमा का अपमान किया है, बल्कि बदनामी भी हुई है और इस प्रतिष्ठित सदन की गरिमा को कम किया है।’