भारत में इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 (Influenza Virus H3N2) से पहली मौत का मामला सामने आया है। बताया गया है कि, कर्नाटक के हासन के रहने वाले एक 82 वर्षीय व्यक्ति की एच3एन2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, मृतक का नाम हीरा गौड़ा है। उसकी एक मार्च को मौत हुई थी। अब टेस्टिंग में मालूम चला है कि वह इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 (Influenza Virus H3N2) से संक्रमित था।
अधिकारी ने बताया कि, हीरा गौड़ा डायबिटीज और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित था। उसे 24 फरवरी को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था और एक मार्च को उसकी मौत हो गई। छह मार्च को उसकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। गौरतलब है कि, पांच दिन पहले ही कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर (K.K. Sudhakar) ने एच3एन2 (H3N2) के मामलों को लेकर अफसरों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, केंद्र ने हर सप्ताह 25 टेस्ट्स का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि, यह संक्रमण 15 साल से छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ज्यादा देखा जाता है।
बता दे कि, देश में इस वक्त एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus), जिसे हॉन्गकॉन्ग फ्लू (Hong Kong flu) भी कहते हैं। इसके 90 केसों की पुष्टि हो चुकी है। इस तरह के मामलों के देश में बढ़ने पर डॉक्टरों ने भी बयान जारी किए हैं। एच3एन2 वायरस संक्रमित मरीजों में लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घरघराहट जैसे प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त जैसे भी लक्षण देखने को मिल रहे है। ये लक्षण लगभग 7 दिन तक बने रह सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का भी कहना है कि, इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है।