सनातन धर्म पर अभद्र टिप्पणी को लेकर तमिल नाडु के सीएम के बेटे के खिलाफ रामपुर में एफआईआर दर्ज

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Rampur: सनातन धर्म को लेकर अभद्र टिप्पणी करने पर तमिलनाडु मुख्यमंत्री के बेटे मंत्री उधेनिधि स्टालिन और कोंग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे के विरुद्ध रामपुर में एफआईआर दर्ज हुई है। वरिष्ठ अधिवक्ता हर्ष गुप्ता और राम सिंग लोधी ने रामपुर (Rampur) की कोतवाली सिविल लाइन्स में धार्मिक भावनाएं आहत होने की एफआईआर दर्ज कराई।

सनातन धर्म को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में अब उत्तर प्रदेश के रामपुर में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर रामपुर (Rampur) के वरिष्ठ अधिवक्ता हर्ष गुप्ता और राम सिंह लोधी ने कोतवाली सिविल लाइंस मे धार्मिक भावनाएं आहत होने के चलते तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उधेनिधि स्टालिन तथा कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खड़गे के विरुद्ध दर्ज कराई है।

इस विषय पर वादी एवं अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया,, ऐसा था 4 सितंबर 2023 के अखबार में बड़ी विस्तार से खबर छपी कि तमिलनाडु के एक मंत्री उदेनिधि स्टालिन जो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र हैं उन्होंने हमारे सनातन धर्म के बारे में अभद्र टिप्पणी और भाषण दिया है और यह कहा है कि जिस प्रकार कोरोना, डेंगू और मलेरिया का विनाश किया जा रहा है उसी प्रकार सनातन धर्म का भी विनाश होना आवश्यक है। इस अभद्र भाषण को अगले दिन या उसी दिन प्रियंक खरघे जो कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं और कांग्रेस राष्ट्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरघे के पुत्र हैं उन्होंने उदेनिधि स्टालिन के भाषण का समर्थन किया और यह कहा कि यह एक बीमारी है और सनातन धर्म को एक बीमारी बताया उनका यह भाषण 5 सितंबर 2023 के अमर उजाला के अखबार में प्रकाशित हुआ।

इस प्रकाशन को पढ़कर हमारे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हमारा सनातन धर्म एक पुण्यातम धर्म है और एक अनंत धर्म है, निरंतर धर्म है। जिस पर किसी भी व्यक्ति विशेष को या किसी भी धर्म के व्यक्ति को कोई अभद्र टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है। सनातन धर्म किसी पर लाधा नहीं जा रहा है। सनातन धर्म बहुत ही विशाल धर्म है इस प्रकार की टिप्पणियों से इस प्रकार अभद्र भाषण से हमारी भावनाओं को ठेस पहुंची है और इन दोनों व्यक्तियों का यह प्रयास है एक धार्मिक उनवाद फैलाई जाने का जिससे कि वर्ग विशेष में धार्मिक उनवाद उत्पन्न हो और एक अराजकता का माहौल पैदा हो, आज हमने और हमारे पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन रामपुर (Rampur) श्री राम सिंह लोधी ने एक तहरीर पुलिस अधीक्षक महोदय रामपुर (Rampur) को दी जिस पर उन्होंने थाना सिविल लाइंस पर मुकदमा दर्ज करवाया है मुकदमा दर्ज हुआ है धारा 153 ए 295 ए आईपीसी में।

मीडिया द्वारा पूछा गया सवाल कि आप क्या कार्यवाही चाहते हैं इस पर वादी एवं अधिवक्ता ने बताया, “कानूनी कार्यवाही चाहते हैं नियम अनुसार कार्रवाई चाहते हैं।”

मीडिया द्वारा पूछा गया सवाल आरोपी जो है वह संवैधानिक पद पर हैं और जो एफआईआर हुई है तो करवाई किस हद तक करना चाहिए, इस पर वादी एवं अधिवक्ता ने बताया, “देखिए उससे फर्क नहीं पड़ता वह संवैधानिक पद पर हो या लोक सेवक पद पर हो उन्हें अपने दायित्व के अंतर्गत यह अभद्र भाषण का प्रयोग नहीं किया है बल्कि उन्होंने जानबूझकर हमारी भावनाओं को आहत पहुंचाने के लिए यह प्रयोग किया है जिसके लिए किसी भी कानून का समर्थन प्राप्त नहीं है।”

मीडिया द्वारा पूछा गया सवाल तो क्या ऐसे सियासी का यह भाषण या वोट बैंक के राजनीति के लिए दिए जाते हैं क्या मानते हैं इस पर वादी एवं अधिवक्ता ने बताया, “देखिए मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता, वह राजनीतिक व्यक्ति जरूर है लेकिन वह जितने बड़े पद पर आसीन हैं उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह केवल अपने ही वर्ग विशेष के मंत्री या पद पर आसीन नहीं है वह पूरी स्टेट को रिप्रेजेंट करते हैं और स्टेट में सभी प्रकार के सभी धर्म के व्यक्ति निवास करते हैं।”

मीडिया द्वारा पूछा गया सवाल की आपको क्या लगता है कि उनके दिमाग में सनातन धर्म को लेकर किस तरह की भावनाएं हैं इस पर वादी एवं अधिवक्ता ने बताया, “सनातन धर्म के प्रति उनके इस भाषण से यह प्रतीत होता है कि सनातन धर्म के प्रति कि उनके मन में पूरा-पूरा निराधार है और वह सनातन धर्म को नहीं मानते हैं और वह सनातन धर्म को समूल नाश कर देना चाहते हैं और जिस विशेष धर्म के वह खुद हैं वह उसे धर्म को हिंदुस्तान की जनता पर लात देना चाहते हैं और मैं यह कहूंगा कि एक गंभीर अपराध है अभिव्यक्ति की आजादी जरूर है लेकिन ऐसी आजादी नहीं है कि जिससे दूसरी की भावनाओं को आहत हो कानून में इसको अपराध माना गया है और कानून के मुताबिक उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उनको सजा मिलनी चाहिए। किसी अभद्र भाषण और हेट स्पीच मामला माननीय उच्चतम न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मैटर में आया है जिसमें 28/4/2023 को माननीय सर्वोत्तम न्यायालय ने यह आदेश पारित किया है कि ऐसे हेट स्पीच मामले में धारा 153 ए 153 बी 195 ए 506 आईपीसी के अंतर्गत शासन को और प्रशासन को स्वयं बिना किसी परिवाद के बिना किसी कंप्लेंट के संज्ञान लेकर और कार्रवाई करनी चाहिए और यह आदेश समस्त राज्यों को यूनियन टेरिटरीज को रजिस्टर के माध्यम से सर्कुलेट किया गया है।”