वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 सनराइज सेक्टर्स की बात की, जिन पर सरकार का फोकस केवल इस बजट के दौरान नहीं, बल्कि भविष्य की प्लानिंग में भी रहने वाला है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट प्रस्तुत करेंगी। हालांकि लोकसभा चुनावों के चलते ये फुल बजट नहीं बल्कि अंतरिम (interim) बजट होगा। गुरुवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के हिंदू कॉलेज (Hindu College) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन सेक्टर्स के बारे में बताया, जिनको ख्याल में रखकर भविष्य की प्लानिंग कर रही है।
जानिए क्या कहा वित्त मंत्री निर्मला ने
वित्त मंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में हम 13 सनराइज सेक्टर, जिसमें रिन्युएबल्स (Renewables), सेमीकंडक्टर्स (Semiconductors), मशीन लर्निंग (Machine Learning), मैटीरियल साइंस (Material Sciences), अर्थसाइंसेज (Earth Sciences), स्पेस (Space) शामिल हैं, जो न केवल बजट में शामिल हैं, बल्कि भविष्य की प्लानिंग के लिए भी शामिल है
कोनसी कम्पनिया कर रही है इन सेक्टर में काम ?
आइए जानते हैं उन कंपनियों को, जो इन सेक्टर में काम कर रहे हैं और शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। रिन्युएबल्स सेक्टर में वारी रिन्युएबल्स, अदाणी ग्रीन, बोरोसिल रिन्युएबल, KPI ग्रीन, टाटा पावर के कुछ शेयर हैं, जो 5,000 करोड़ रुपये के मार्केट कैप से ज्यादा हैं और रिन्युएबल सेक्टर में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, सेमीकंडक्टर्स सेक्टर में HCL टेक्नोलॉजीज, वेदांता, टाटा एलेक्सी, डिक्सन टेक्नोलॉजीज की कुछ बड़ी कंपनियां भी हैं। मशीन लर्निंग शेयरों में साएंट DLM लिमिटेड, एफल इंडिया, ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज, परसिस्टेंट सिस्टम्स और टाटा एलेक्सी शेयर शामिल हैं।
AI के भी बनेगे नए सेक्टर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में संबोधन के दौरान कहा, हमने सनराइज सेक्टर, AI के लिए नए सेक्टर, फॉरेंसिक साइंसेज, टेक्नोलॉजी को लाकर जिंदगी आसान बनाई, हमने युवा, महिलाओं, किसानों और गरीबों के सशक्तिकरण पर काफी फोकस किया है
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि छात्रों की जानकारी और इंडस्ट्री की जरूरत में गैप है। हम इस गैप को ब्रिज करने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, कि हम छात्रों को विदेशी भाषाएं सिखाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं।
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT)
वित्त मंत्री ने कहा, लाभार्थियों को डायरेक्ट ट्रांसफर से पारदर्शिता आई। वित्त मंत्री ने कहा, महामारी के दौरान इसका काफी फायदा मिला, इससे एफिशिएंसी (दक्षता) में सुधार हुआ और लाभार्थियों को पैसा सीधे उनके फोन पर मिला। इससे सेविंग्स में सुधार हुआ, चोरी, फर्जी खातों और गैर मौजूद खातों में पैसा रोकने से 2.5 लाख करोड़ रुपये बचे।