Farrukhabad: ब्रह्मदत्त हत्याकांड में सजा काट रहे पूर्व विधायक विजय सिंह की सजा बढ़ी

ब्रह्मदत्त द्विवेदी के हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक विजय सिंह को एक और मामले में सजा हो गई है।

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उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) से एक बड़ी खबर सामने आई है। पूर्व ऊर्जा मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी (Brahmadutt Dwivedi) के हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक विजय सिंह (Vijay Singh) को एक और मामले में सजा हो गई है। ये मामला फतेहगढ़ के मोहल्ला सिविल लाइन निवासी सिपाही विजेंद्र सिंह तोमर (Vijender Singh Tomar) को सुसाइड के लिए उकसाने से जुड़ा है। इस केस में एमपी/एमएलए कोर्ट (MP/MLA court) के न्यायाधीश कृष्ण कुमार (Krishna Kumar) ने सिपाही से उसके पुत्र की नौकरी लगवाने के लिए रुपए लेने के बाद हड़प लेने के जुर्म में विजय सिंह (Vijay Singh) को दोषी करार दिया है।

अदालत ने पूर्व विधायक को 3 साल की सजा सुनाई है और 8 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है। कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पूर्व सपा विधायक विजय सिंह को सजा सुनाई है। विजय सिंह इस समय ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

यह है पूरा मामला

दरअसल, उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी की सदर कोतवाली क्षेत्र के बालाजी पुरम आश्रम रोड निवासी विजेंद्र सिंह तोमर पुलिस विभाग में ड्राइवर पद पर तैनात थे। साल 2014 में उनकी फतेहगढ़ कोतवाली में तैनाती थी। इस दौरान वह सिविल लाइन मडैया में किराये के मकान में रहते थे। 26 जून 2014 की सुबह साढ़े सात बजे गोली लगने से विजेंद्र सिंह तोमर की मौत हो गई थी।

इसके बाद पुत्र राहुल तोमर ने पिता की हत्या और उनके गले से सोने की चेन व हाथ से अंगूठी लूटने का मुकदमा अज्ञात में दर्ज कराया था। विवेचना में हत्या की जगह आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला सामने आया। दरअसल सिपाही विजेंद्र सिंह तोमर ने पुत्र राहुल तोमर की नौकरी लगवाने के लिए तत्कालीन विधायक रहे विजय सिंह को साढ़े चार लाख रुपए दिए थे। रुपए लेने के बाद न तो नौकरी लगवाई गई और न रुपए वापस किए गए। इसके अलावा ये बात भी सामने आई कि उन्हें धमकाया गया।

3 साल की सजा और 8 लाख रुपए का जुर्माना लगा

इसके बाद पुलिस ने पूर्व विधायक विजय सिंह के खिलाफ सिपाही को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप पत्र दाखिल किया। विजेंद्र तोमर द्वारा लिखा गया पत्र भी आरोप पत्र के साथ दाखिल किया गया। इस मुकदमे की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी। बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह राजपूत, केके पांडेय ने मुदकमे की सुनवाई के दौरान दलीलें पेश कीं।

सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने पूर्व विधायक विजय सिंह (Vijay Singh) को रुपए लेकर नौकरी ना लगवाने और रुपए वापस ना करने के जुर्म में दोषी करार दिया और 3 साल की सजा और 8 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने जुर्माना राशि वसूल होने पर साढ़े सात लाख रुपए सिपाही विजेंद्र सिंह तोमर के परिजनों को दिए जाने का आदेश दिया है।