पहलवानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए किसानों ने तोड़े पुलिस बैरिकेड्स

पहलवानो का आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट जारी करने में सरकार की ओर से देरी की गई है।

2
4

दिल्ली के जंतर- मंतर पर पहलवानों द्वारा धरना -प्रदर्शन काफी दिनों से जारी है। अब इनके समर्थन में भारतीय किसान यूनियन भी साथ आ गए है। जहाँ पहलवानो का आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट जारी करने में सरकार की ओर से देरी की गई है। विरोध करने वाले पहलवान चाहते हैं कि डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह से उनका पद छीन लिया जाए।

वही, दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए है। पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर WFI के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि, कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में बृजभूषण शरण सिंह (Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, साथ ही आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के साथ-साथ शील भंग आदि से संबंधित है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर एक तत्काल याचिका पर सुनवाई करते हुए निष्कर्ष निकाला कि प्राथमिकी दर्ज करने से विरोध करने वाले पहलवानों द्वारा दायर याचिका का उद्देश्य पूरा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की निगरानी में जांच की याचिकाकर्ता की याचिका भी खारिज कर दी है।

बता दें कि, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत रविवार को पहलवानों से मुलाकात की थी। राकेश टिकैत ‘खाप महम 24’ के प्रमुख मेहर सिंह और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बलदेव सिंह सिरसा पहलवानों के साथ मंच पर शामिल हुए और मीडिया को संबोधित किया।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) केंद्र सरकार द्वारा लाए गए और बाद में वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से अलग हुआ गुट है। एसकेएम कई किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा है।

Comments are closed.