Hardoi: जिला पंचायत अध्यक्ष समेत 7 लोगो को उत्तर प्रदेश गन्ना एवं चीनी विकास निगम (Sugar Development Corporation) की भूमि का फर्जी बैनामा करने पर लक्ष्मी सुगर मिल व उसके पूर्व मालिक पर कोतवाली शहर मे मुकदमा दर्ज किया गया है।
हरदोई के थाना कोतवाली शहर में डॉ रविंद्र सिंह तोमर ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि विगत 2012 में स्वयं उसने व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल समेत 7 लोगों ने वर्तमान में दिल्ली निवासी सरन विनोद से धियर महोलिया स्थित भूमि का बैनामा करवाया था। उक्त भूमि को सरन विनोद ने अपनी फर्म लक्ष्मी शुगर मिल का दर्शाते हुए बैनामा किया था। जिसके एवज में उन्हें 47,47000 रुपया अदा किया गया था। साथ ही भूमि के बैनामे में 15 लाख से अधिक का स्टांप व रजिस्ट्री शुल्क भी लगा था।
बाद में ज्ञात हुआ कि उक्त भूमि सरन विनोद की ना होकर उत्तर प्रदेश गन्ना एवं चीनी विकास निगम (Sugar Development Corporation) की है, जिसका उन्होंने छल कपट व कूट रचित बैनामा कर दिया है। उसने विगत 22 मई 2023 को सरन विनोद से उनके दूरभाष पर संपर्क कर अपना रुपया वापस मांगा तो उन्होंने मना कर दिया।
आपको बता दें कभी एशिया की नामी-गिरामी शुगर मिल में शुमार रही हरदोई की लक्ष्मी शुगर मिल को वर्ष 1984 में कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण करते हुए उत्तर प्रदेश गन्ना एवं चीनी विकास निगम (Sugar Development Corporation) के अधीन कर दिया था। इसी चीनी मिल की बसपा सरकार में 2011 में उत्तर प्रदेश गन्ना एवं चीनी विकास निगम के माध्यम से बिक्री हो चुकी थी। बसपा के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल की जिन 7 मिलो को प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त किया है, उनमें हरदोई स्थित इस शुगर मिल का भी नाम है।
फिलहाल मुकदमा दर्ज होने के बाद मामला काफी पेचीदा हो चुका है। यहां सवाल यह उठता है कि जब 2011 में बसपा सरकार ने इसकी बिक्री कर दी थी, तब इसकी आंशिक भूमि को मिल पूर्व मालिक सरन विनोद ने वर्ष 2012 में किस आधार पर बैनामा कर दिया? वही इतने दिनों के बीत जाने के बाद अब इस बैनामा को लेकर एफआईआर लिखवाना कई सवाल पैदा कर रहा है।