कौशाम्बी: गांजे (Ganja) का अवैध कारोबार कौशांबी की धरती में दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। योगी सरकार और पुलिस अधिकारियों के बार-बार संगठित अपराध पर रोक लगाने के आदेश के बाद भी कौशांबी जिले में गांजे (Ganja) के अवैध कारोबार पर रोक लगती नहीं दिख रही है। आबकारी अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि अन्य नशे की तुलना में गांजा का नशा सस्ता पड़ता है, जिससे गरीब लोग गांजा पीकर अपनी नशे की आदत की पूर्ति करते हैं।
बेबाक तरीके से आबकारी अधिकारी का मानना है कि जिले में लगभग 20 हजार लोग प्रतिदिन गांजा पीते हैं, लेकिन जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया कि इन्हें गांजा (Ganja) कौन देता है? तो उन्होंने बेबाक तरीके से कहा कि सब कुछ खुलेआम दिखाई पड़ रहा है। आप सब कुछ जानते हैं और इस सवाल के उत्तर पर वह मुस्कुराते हैं। जिले में जिन्हें पहले भांग का ठेका दिया गया था, बाद में उनके ठेके निरस्त हो गए हैं, लेकिन इन बन्द ठेकों में भी गांजे की बिक्री बेखौफ तरीके से हो रही है। आबकारी अधिकारी उनकी टीम पूर्व के भांग के ठेके में बिक रहे गांजे की बिक्री को नहीं रोक पा रहे हैं। इसके अलावा भी कई दर्जन अन्य स्थानों पर बेखौफ तरीके से खुलेआम गांजे की बिक्री दुकान सजाकर हो रही है, लेकिन उसके बाद आबकारी अधिकारी और उनकी टीम गांजे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने में अपने को अक्षम, असहाय महसूस कर रही है, जिससे गांजे का व्यवसाय खुलेआम बेखौफ तरीके से कौशांबी की धरती पर तेजी से अपनी जड़े जमा चुका है।
गांजे के बदनाम धंधे से जुड़े लोग देखते-देखते मालामाल हो गए हैं। करोड़ों में खेलने वाले गांजा माफिया अक्सर आबकारी अधिकारी के कार्यालय में गुफ्तगू करते देखे जाते हैं। गांजा माफियाओं से आबकारी अधिकारी और उनके टीम के क्या रिश्ते हैं? यह बड़ी जांच का विषय है लेकिन उसके बाद भी शासन प्रशासन ने गांजा माफियाओं से आबकारी अधिकारी और उनकी टीम के रिश्ते की जांच नहीं कराई है। गांजा माफियाओं को बेनकाब करने की जरूरत है। छोटे-छोटे मामले में पुलिस गांजा बरामद की कार्यवाही कर रही है लेकिन बड़े कारोबारी पर पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग का चाबुक चलता नहीं दिख रहा है, जिससे गांजे के अवैध कारोबार में लगे गाँजा माफियाओं के कारनामों पर रोक लगती नहीं दिख रही है, जो आबकारी विभाग के अफसर और उनकी टीम के निष्ठा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
जिले में तेजी से गांजा पीने के शौकीनों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। उससे बड़ी चिंता का विषय यह है कि आबकारी अधिकारी भी गांजा पीने वालों के आंकड़ों से बखूबी परिचित होने के बाद भी रोक लगाने को कतई तैयार नहीं है। इलाके के लोगों ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अवैध तरीके से गांजे के कारोबार पर रोक लगाकर माफियाओं और आबकारी विभाग के रिश्ते को बेनकाब करने की मांग की है।
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