माफिया अतीक के जाने के बाद भी नहीं बंद हुई गुंडो की अवैध वसूली

प्रयागराज में 20 हजार से अधिक टेंपो टैक्सी से 5 लाख रुपए से अधिक की गुंडा टैक्स की वसूली तो पड़ोसी जनपदों में भी 10 हजार से अधिक टेंपो टैक्सी से 3 लाख रुपए से अधिक प्रतिदिन बेखौफ तरीके से हो रही वसूली।

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कौशाम्बी अतीक अहमद के कार्यकाल में कौशाम्बी प्रयागराज जनपद सहित आसपास के जनपदों में विभिन्न प्रकार के गुंडा टैक्स की शुरू हुई वसूली अतीक अहमद के जाने के बाद उनके गुंडे अभी गुंडा टैक्स की वसूली बंद नहीं कर सके हैं। इस वसूली का हिस्सेदार अब कौन-कौन है यह बड़ी जांच का विषय है। कुछ तो पर्दे के सामने दिखाई पड़ रहे हैं कुछ पर्दे के पीछे से वसूली के धंधे के संचालन को बढ़ावा देने में लगे हैं।

आम जनता को शोषित प्रताड़ित कर अतीक अहमद के कार्यकाल में शुरू हुई गुंडा टैक्स की वसूली अभी भी बेखौफ तरीके से प्रयागराज जनपद सहित आसपास के जनपदों में प्रतिदिन हो रही है। प्रयागराज और आसपास के जिलों में विभिन्न प्रकार के अवैध तरीके से गुंडा टैक्स वसूली के मामले को बेनकाब करने के मामले में विक्रम टैक्सी यूनियन के वसूली का उदाहरण अतीक के लोगों की गुंडा टैक्स वसूली को बेनकाब करने के लिए पर्याप्त है।

प्रयागराज जनपद के शहर के हर चौराहे से लेकर आसपास के जनपदों के हर चौराहे पर विक्रम टैक्सी की वसूली के नाम पर यूनियन के गुंडे सुबह से देर रात तक सवारी भरने वाले वाहनों के आगे पीछे डंडे लेकर खड़े रहते हैं। नंबर लगाने के नाम पर इन गुंडो को जिस वाहन चालक ने रकम नहीं दी उसके वाहन को सड़क पर चलने नहीं दिया जाता है। प्रत्येक वाहन स्टैंड पर इन गुंडों का पूरी तरह से कब्जा है।

उत्तर प्रदेश सरकार के आरटीओ विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन लिए जाने के बाद भी वाहन सड़क पर नहीं चल पाते हैं। गुंडो को गुंडा टैक्स देने के बाद ही वाहन चालक वाहन में सवारी भरकर गंतव्य को रवाना हो सकते हैं। वरना उनके साथ मारपीट लड़ाई-झंझट किया जाता है। आखिर विक्रम टैक्सी यूनियन को वसूली का अधिकार किसने दिया है। यह तो समाज सेवा की संस्था के नाम से पंजीयन कराई गई है, तो फिर आखिर विक्रम टैक्सी यूनियन के नाम पर बीते चार दशक से बेखौफ तरीके से प्रयागराज और उसके आसपास के जनपदों में हो रही यह बड़ी वसूली चर्चा का विषय है, लेकिन प्रयागराज से लेकर आसपास के जनपद के पुलिस अधिकारियों ने अभी तक विक्रम टेक्सी यूनियन के नाम पर हो रही है।

अवैध वसूली को बंद कराने के बाद वाहन चालकों को राहत देने का प्रयास नहीं किया है। अवैध वसूली को बंद करने के लिए अभी तक मीटिंग और चर्चाएं भी अफसरो ने नहीं शुरू की है। वाहन के नाम पर वसूली की स्थिति इतनी आतंक अत्याचार से भरी है कि वसूली में लगे गुंडो के रैकेट सदस्यों की गुंडई के आगे वाहन चालक जुबान खोलने का साहस नहीं कर पाते हैं।

बीते चार दशक से प्रयागराज जनपद के शहर क्षेत्र सहित आसपास के पड़ोसी जनपदों में सब कुछ दिन के उजाले में खुलेआम हो रहा है। आम जनता भी पूरे दिन होने वाली वसूली को देख कर दांतो तले उंगली दबा रही है, लेकिन पुलिस कर्मियों को वाहनों से वसूली दिखाई नहीं पड़ रही है। चर्चाओं पर जाए तो केवल प्रयागराज जनपद में 20 हजार से अधिक टेंपो टैक्सी से 5 लाख रुपए से अधिक की गुंडा टैक्स की वसूली प्रतिदिन खुलेआम हो रही है।

पड़ोसी जनपदों की चर्चा करें तो पड़ोसी जनपदों में भी 10 हजार से अधिक टेंपो टैक्सी से 3 लाख रुपए से अधिक प्रतिदिन की वसूली बेखौफ हो रही है। वसूली के लिए रैकेट बनाकर करोड़ों रुपए महीने की वसूली करने वाले राकेट के सदस्यों के कारनामों को गंभीरता से लेना होगा।

समाज सेवा का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद यूनियन के नाम पर अवैध तरीके से शुरू हुई वसूली को पूरी तरह से बंद करना होगा, लेकिन क्या यूनियन के नाम पर बेखौफ तरीके से करोड़ो रुपए महीने की हो रही वसूली को बंद करने में योगी सरकार के अफसर सफल हो पाएंगे या फिर अतीक अहमद के कार्यकाल में शुरू हुई गुंडा टैक्स की वसूली उनके जाने के बाद भी उनके गुंडों द्वारा बेखौफ तरीके से होती रहेगी व्यवस्था पर यह बड़ा सवाल खड़ा है।