Uttar Pradesh: यूपी के इटावा (Etawah) से एक मामला सामने आया है। जहां पर एक कुत्ते के काटने के बाद एक बच्चा अपने पिता की गोद में तड़पता रहा लेकिन सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर को लाचार पिता और बेबस बच्चे पर बिल्कुल तरस नहीं आया।
डॉक्टर को हमेशा भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कभी-कभी वही भगवान अपने आपको आसमान में बैठे उस भगवान से भी बड़ा समझने लगता है और फिर अपना इंसाफ खुद सुनाने लगता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऐसा एक मामला उस जगह से आया है जहां पर करोड़ों रुपए खर्च कर मरीज के लिए सरकारी यूनिवर्सिटी बनाई गई थी। जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज हो सके और गरीबों को हर बीमारियों से निजात मिल सके, लेकिन अब गरीबों वाले अस्पताल में मरीजों की नहीं सुनी जा रही। जी हां हम बात कर रहे हैं इटावा जिले (Etawah) के सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी की यहां पर एक पिता अपने बच्चे को कुत्ते के काटने के बाद अच्छा इलाज करने के लिए सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में पहुंचा हुआ था। जहां पर डॉक्टरों ने बच्चों को भर्ती करने से पहले ही उसको बाहर निकाल दिया और कह दिया कि यह हमारे बस में नहीं है। एक लाचार पिता मेडिकल यूनिवर्सिटी के बाहर अपने हाथों में बच्चों को लेकर खड़ा रहा और अपनी बेबसी पर आंसू बहत रहा लेकिन डॉक्टरों को उस पर तरस नहीं आया।
20 दिन पहले बच्चे को कुत्ते ने काटा था
अपनी गोद में बच्चों को लिए शख्स का नाम कृपाल सिंह है और वह विचारपुर इटावा (Etawah) का रहने वाला है। उसने बताया कि उसके बच्चे को 20 दिन पहले एक कुत्ते ने काट लिया था। जिसकी जानकारी हम लोगों को बिल्कुल ही नहीं थी। बच्चे के शरीर पर कुत्ते के काटने का निशान जब हमको दिखाई दिया और बच्चा अजीबोगरीब हरकत करने लगा तो पता चला कि बच्चे के कुत्ते ने काट लिया है। हम अपने बच्चे का बेहतर इलाज करने के लिए सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में आए थे लेकिन यहां पर डॉक्टरों ने हमारे बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया। अब हम अपने बच्चे को कहां लेकर जाएं। पिता की गोद में मौजूद बच्चे को देखकर साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बच्चे को अगर समय रहते इलाज नहीं मिला तो उसकी हालत और खराब हो सकती है। लाचार पिता बस बच्चे को इधर से उधार लेकर इलाज के लिए भटकता हुआ दिखाई दे रहा है लेकिन डॉक्टर उसकी मदद करने को तैयार नहीं है।