इटावा: बेटे ने ₹100 न देने पर मां की कर दी थी हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

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यूपी के इटावा (Etawah) में पुलिस ने एक ऐसे आरोपों को गिरफ्तार किया जिसने ₹100 न देने पर अपनी मां की हत्या कर दी थी। पकड़े गए आरोपी के खिलाफ पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की और उसको जेल की सलाखो तक पहुंचाने का काम किया।

शराब के लिए रुपए न देने पर मां बेटे में हुई थी कहासुनी

इटावा (Etawah) जिले में बेटे के द्वारा मां की हत्या की जाने के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने का काम किया है। पकड़ा गया आरोपी ने भी हत्या का आरोप कबूल कर लिया है। बताते चलें कि मामला भरथना थाना क्षेत्र की अंतर्गत मोहल्ला गांधीनगर का है। यहां रहने वाली जितेंद्र कुमार के द्वारा थाने में एक शिकायती पत्र दिया गया था जिसमें बताया गया था कि 1.03.2024 को उसकी बुआ उषा देवी के साथ शराब के नशे में उसके बेटे हर्ष उर्फ कानू ने जमकर मारपीट की थी।जिससे उनकी बुआ की मृत्यु हो गई थी। इस मामले के बाद पुलिस हरकत में आई और पुलिस ने मामले को गंभीरता के साथ लेना शुरू कर दिया। वहीं रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि मां की हत्या में फरार चल रहा आरोपी हर्ष उर्फ कानू मोना चौराहे रेलवे स्टेशन के पास में मौजूद है जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच जाती है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाता है।

एसएसपी ने पकड़े गए आरोपी के बारे में दी जानकारी

भरथना इलाके में बेटे के द्वारा मां की हत्या किए जाने के मामले में पुलिस के द्वारा आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि हमारी पुलिस ने एक हत्या का खुलासा करते हुए महिला के बेटे को गिरफ्तार करने का काम किया है। गिरफ्तार किये गये अभियुक्त से पुलिस टीम द्वारा पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि मेरी पत्नी ज्योति लगभग एक डेढ़ माह पहले अपने मायके चली गयी । दिनांक 01.03.2024 को मै व मेरी माँ तथा मेरा बच्चा घर पर थे तभी समय करीब 04.00 बजे दिन मैने अपनी माँ उषा देवी से खर्चे के रूपये मांगे थे । मां ने मुझे खर्चे हेतु पैसा देने से इन्कार कर दिया । इसी को लेकर मेरे व मेरी माँ के बीच कहा-सुनी के दौरान मैने उनका गला पकड़ लिया जिससे मेरी माँ की तबियत खराब हो गयी तथा इलाज के लिये ईशपाण्डे हॉस्पिटल भरथना ले जाते समय रास्ते में माँ की मृत्यु हो गई। वहीं पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया।