इटावा: जिलाधिकारी को अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत में सौंपा ज्ञापन

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यूपी के इटावा (Etawah) में जिलाधिकारी से मुलाकात करने के लिए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत सेवा समिति के लोग पहुंच गए। यहां पर उन्होंने जिलाधिकारी को दवाइयां की एमआरपी को लेकर ज्ञापन पत्र सौंपा।

मनमानी तरीके से दवाइयों पर वसूले जा रहे रुपए

इटावा (Etawah) में दवाइयां पर एमआरपी के अकॉर्डिंग रुपया वसूले जाने को लेकर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत सेवा समिति के लोग काफी नाराज होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इस मामले में जिलाधिकारी को एक ज्ञापन पत्र सौंपा है और कहा है कि अक्सर देखा जाता रहा है वस्तुओं की पैकिंग पर मुद्रित कीमत जिसे एमआरपी कहा जाता है वह उसकी लागत मूल्य अथवा टैक्स पैड कीमत से बहुत ज्यादा होती है यह विशेष कर दवाइयां पर लागू होती है। क्योंकि उसमें उपभोक्ता को भाव तय करने का अवसर ही नहीं मिलता है। ऐसे में एमआरपी पर जो मूल्य लिखा होता है उसी के हिसाब से ग्राहक को रुपया देना होता है। लेकिन असल में उसकी लागत बहुत कम होती है। इसीलिए दुकानदारों को इसका एक बड़ा फायदा होता है।

दवाइयां पर निर्धारित हो असली मूल्य

एडवोकेट निशांत पोरवाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि हम लोगों ने ज्ञापन पत्र अधिकारियों के माध्यम से ऊपर तक पहुंचाने का काम किया है। अक्सर देखा गया है कि जो कंपनी दवाई को बनती है उस पर टैक्स समेत अन्य कर लगा देती है। उस पर एमआरपी भी निर्धारित कर दी जाती है। लेकिन इसमें सबसे बड़ा घोटाला होता है। उपभोक्ताओं से रुपए तो पूरे वसूल लिए जाते हैं लेकिन इसका बड़ा फायदा दुकानदारों को पहुंचता है। हम इस मामले में एक कानून सरकार से बनवाना चाहते हैं। इससे उपभोक्ता को निर्माण के बाद विपणन के बीच होने वाली मूल्य वृद्धि की समझ होगी व वह विक्रेता के साथ कीमत को लेकर भाव तय करने में आसानी होगी। मुझे उम्मीद है कि आने वाले वक्त में इस पर कानून जरूर बनेगा।