महाराष्ट्र (Maharashtra) में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर महाराष्ट्र (Maharashtra) के सत्रह लाख से ज्यादा सरकारी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू हो गई है। इस हड़ताल में राज्य भर के सारे कर्मचारी इस संगठन सरीख हो रहे हैं, जिसके चलते सरकारी कामकाज के बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है। वहीं, सरकार भी इस मुद्दे पर झुकने के विचार में नहीं है और उसने अपनी और से यह साफ कर दिया है कि 14 मार्च को हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद कर उसकी जगह NPS पेंशन लागू की थी
बता दें कि, सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने समेत कई मांगें की हैं। सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद कर उसकी जगह नई पेंशन योजना लागू की थी, और इस पेंशन योजना का शुरुआत से ही कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं। राज्य के बजट से पहले महाराष्ट्र में लाखों सरकारी कर्मचारी और पेंशन भोगी पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की डिमांड कर रहे हैं, और सरकार पर दबाव भी बना रहे हैं कि, 2005 में बंद की गई पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किया जाए।
यह हड़ताल महाराष्ट्र सिविल सेवा के नियम 6 के प्रावधानों के अनुसार गैरकानूनी है
वही, महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि 14 मार्च से शुरू होने वाली हड़ताल में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। सरकार के अनुसार, यह हड़ताल महाराष्ट्र सिविल सेवा के नियम 6 के प्रावधानों के अनुसार गैरकानूनी है।
महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 के नियम 6 के प्रावधानों के मुताबिक, महाराष्ट्र राज्य सरकार-अर्ध-सरकारी कर्मचारी संघ द्वारा यह हड़ताल अवैध है। इसलिए इस हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपनी हड़ताल वापस लें और सरकार के काम को बिना रुके उचित तरीके से सरकार के सामने रखें ताकि लोगों को कोई असुविधा ना हो।