राजस्थान में जहां कल ACB की टीम एक्टिव रही तो वहीं आज ईडी की टीम ने छापेमारी अभियान चलाया है। जल जीवन मिशन घोटाला मामले में एक IAS सहित कई अधिकारियों के आवास पर ईडी की टीमें पहुंची हैं। प्रदेश भर में करीब दो दर्जन ठिकानों पर ईडी की टीम छापेमारी कर रही है। वहीं ईडी की छापेमारी से अधिकारियों और ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि अधिकारियों पर पानी की पाइप लाइन बिछाने में घोटाले के आरोप लगे हैं। इससे पहले ईडी ने एक रिटायर और एक सेवारत सरकारी अधिकारी के घरों में छापेमारी की थी। इस दौरान 2.5 करोड़ रुपए नकद और 1 किलोग्राम की सोने की ईंट जब्त की गई थी। इसके साथ ही बोली प्रक्रिया में धांधली का संकेत देने वाले कई डिजिटल और कागजी सबूत भी बरामद किए गए थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने कथित जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के तहत शुक्रवार को राजस्थान में भारतीय प्रशासिनक सेवा (आईएएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी के परिसरों सहित कई स्थानों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुबोध अग्रवाल के परिसर सहित दौसा और राज्य की राजधानी जयपुर में कुल 25 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मामले से जुड़े कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है। केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में सितंबर में भी इसी तरह की छापेमारी की थी।
दरअसल, भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने जून 2023 में राजस्थान में ‘जल जीवन मिशन’ में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए गए थे।
बता दें कि ‘जल जीवन मिशन’ का मकसद घरेलू नल कनेक्शन के जरिए सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल मुहैया कराना है। इस मिशन को राजस्थान में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (PHED) संचालित कर रहा है। इसके जरिए वहां पेयजल की पाइपलाइन बिछाई जा रही है। राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।