प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) को तलब किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि वे आज इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
केंद्रीय एजेंसी द्वारा ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक मुंबई स्थित फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर तलाशी लेने के लगभग दो महीने बाद ईडी का समन आया है।
ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो कार रेंटल सेवा में वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) के बिजनेस पार्टनर हैं। यह घटनाक्रम राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने से कुछ सप्ताह पहले सामने आया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला केंद्रीय एजेंसी के रडार पर तब आया था जब जयपुर के दो निवासियों ने 2015 में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) ने मॉरीशस स्थित कंपनी शिवनार होल्डिंग्स से अवैध धन का लेन-देन किया था, जिस पर एक शेल कंपनी होने का संदेह है।
इस शिकायत के अनुसार, 20111 में होटल के 2,500 शेयर खरीदकर शिवनार होल्डिंग्स से ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को फंड डायवर्ट किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उक्त शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर के लिए लाए गए थे जबकि मूल शेयर की कीमत केवल 100 रुपये प्रति शेयर थी। उन्होंने यह भी कहा कि शिवनार होल्डिंग्स 2006 में बनाई गई थी और इसका एकमात्र उद्देश्य काले धन को बाहर निकालना था।
शिकायत में कहा गया है कि ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 15 मार्च 2007 को गहलोत के करीबी रतन कांत शर्मा द्वारा पंजीकृत किया गया था। इंडिया टुडे के अनुसार, ईडी ने पाया कि ट्राइटन होटल्स को शिवनार होल्डिंग्स से भारी प्रीमियम पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ, जिसे कई बार संशोधित किया गया।
केंद्रीय एजेंसी ने अपनी जांच में यह भी खुलासा किया कि ट्राइटन सीमा पार हवाला लेनदेन में शामिल रहा है। इस साल अगस्त में जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में तलाशी अभियान के दौरान, ईडी ने 1.27 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क और मोबाइल सहित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए।
डिजिटल साक्ष्य में समूह द्वारा खाते की किताबों से किए गए बड़े पैमाने पर लेनदेन का विवरण दिया गया है। केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, बेहिसाब नकदी प्राप्तियों को होटलों के विकास में भी निवेश किया गया था।