जापान में भूकंप से डोल गई धरती, अब तक 13 की मौत, 155 लोगों के फंसे होने की आशंका

सोमवार यानि 1 जनवरी को 7.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से जापान की धरती बुरी तरह से कांप गई।

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जहाँ सारी दुनियां नए साल का जश्न मना रही थी, उस दौरान जापान (japan) के लोग मुश्किलों का सामना कर रहे थे। सोमवार यानि 1 जनवरी को 7.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से जापान की धरती बुरी तरह से कांप गई। इस घटना में करीब 13 लोगों की मौत हो गई और 155 लोगों के फंसे होने की आशंका हैं। ये जानकारी एनएचके वर्ल्ड ने दी। एक दिन में 155 भूकंप के झटके जापान में महसूस किए गए।

यूनाइटेड जूलॉजिकल सर्वे के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समय के मुताबिक शाम करीब 4 बजकर 10 मिनट पर इशिकावा प्रान्त के नोटो प्रायद्वीप पर आया। भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में महसूस किया गया। जापान (japan) में धरती हिलते ही इमारतें ढह गईं, आग लग गई और पूर्वी रूस तक सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। जबकि जापान के तटीय इलाकों में रह रहे लोगों का वहां से चले जाने का आदेश दिया गया।

बता दें कि मध्य जापानी शहर वाजिमा में सोमवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए जाने के बाद भीषण आग लग गई। इस घटना में 100 से ज्यादा दुकानें और घर जलकर राख हो गए। ये जानकारी एनएचके वर्ल्ड की तरफ से दी गई। परमाणु विनियमन प्राधिकरण के अनुसार, इशिकावा प्रान्त में शिका न्यूक्लेयर पावर फेसिलिटी में एक विस्फोट हुआ और जलने की बदबू आई।

ऑपरेटर ने दावा किया कि एक ट्रांसफॉर्मर फेल हो गया, लेकिन बैकअप तंत्र दो परमाणु रिएक्टरों के मुताबिक संचालन जारी रहा। एनएचके वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, जापान में बड़े मोबाइल फोन प्रोवाइडर्स का दावा है कि भूकंप प्रभावित जगहों पर उनकी सेवाएं बाधित हो रही हैं।

जापान (japan) के प्रधानमंत्री कार्यालय ने अधिकारियों से स्थानीय सरकारों के साथ समन्वय बनाकर मानव जीवन को प्राथमिकता देने के सिद्धांत के तहत कार्य करने का आदेश दिया। सरकार की तरफ से कहा गया, ‘आपातकालीन आपदा प्रतिक्रियाओं में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जिसमें जान बचाना और आपदा पीड़ितों को बचाना शामिल है। सरकार एकजुटता से काम कर रही है।’ वहीं सुनामी के खतरे को देखते हुए जापान में भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन कक्ष स्थापित और हेल्प लाइन नंबर जारी किए हैं।