‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान पीएम मोदी ने बच्चो को दिए बहुमूल्य गुरुमंत्र

पीएम मोदी ने कहा कि टीचर और छात्र में एक बॉन्डिंग होनी जरूरी है और उनमें दोस्ती का नाता रहना जरूरी है।

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आज यानि सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ‘परीक्षा पे चर्चा’ कर रहे है, जिसके लिए लाखो बच्चो ने पंजीकरण कराया है। जहाँ बच्चों में बोर्ड परीक्षा के लिए कोई चिंता न रहे इसके लिए प्रधानमंत्री परीक्षा पे चर्चा किये है, जिसमे कई अहम् बाते बच्चो को बताये है। 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों से बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें कई ऐसे बहुमूल्य गुरुमंत्र दिए, जो बच्चों को तनाव मुक्त कर सकते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी से एक बच्चे ने सवाल किया कि कुछ लोग कहते हैं कि दोस्ती ही ले डूबती है। इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोस्ती बहुत जरूरी है। मैंने कई बार देखा है टीचर से ज्यादा एक दोस्त ही आपको सिखा देता है, जैसे मैथ्स से लेकर लैंग्वेज पर अगर एक दोस्त की मजबूती हो तो वो अपने साथी को भी मजबूत बना देता है। पीएम ने कहा कि मैंने ऐसे दोस्त देखे हैं, जो खुद चाहे फेल हों, लेकिन दोस्त को आगे बढ़ाने के लिए मदद करते हैं। दोस्त अगर अच्छे नंबर न लाए और खुद प्रथम आए तो पार्टी भी नहीं करते, ये होती है दोस्ती।

पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी के साथ टीचर्स को भी कुछ टिप्स दिए। पीएम मोदी ने कहा कि टीचर और छात्र में एक बॉन्डिंग होनी जरूरी है और उनमें दोस्ती का नाता रहना जरूरी है। पीएम ने कहा कि टीचर का काम जॉब बदलना नहीं, छात्रों की जिंदगी को बदलना है और उसे संवारना है।

पीएम ने कहा कि कुछ गलतियां पेरंट्स का अतिउत्साह पैदा करता है, तो कुछ छात्र डरकर करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ पैरेंटस ये सही है, वो सही है ये देखते हैं, इससे उन्हें बाहर निकलना होगा। पीएम ने कहा कि परीक्षा पर ये खाकर निकलो, जिससे पेपर सही होगा। ये सब तनाव है जो जब घर से निकलने से पहले ही शुरू हो जाएगा तो बच्चा अच्छा कैसे करेगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि परीक्षा देते वक्त छात्र पेपर देखते ही तनाव में आ जाते हैं। बच्चे सोचने लगते हैं कि पहले उसे पेपर मिला मुझे कम समय मिलेगा या इसमें ज्यादा समय लग गया पहले कोई और प्रश्न करना चाहिए था। पीएम मोदी ने आगे कहा कि सबसे पहले बच्चों को पूरा पेपर पढ़ना चाहिए, फिर मन से तय कीजिए किस प्रश्न में कितना समय लगेगा तो वैसे ही उत्तर देने चाहिए।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ बच्चे दूसरे का देखकर परीक्षा देते हैं। उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि दूसरे को देखने से पहले जरा संभल जाएं। उन्होंने कहा कि इधर-उधर ध्यान देने से अच्छा है खुद पर भरोसा करें, क्या पता दूसरा छात्र फिल्म की कहनी लिख रहा हो।

पीएम मोदी से जब पूछा गया कि कुछ बच्चे कोई निर्णय लेने में कन्फ्यूजन में होते हैं, इसके लिए क्या करें। पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि कई बार आपने भी देखा होगा कि कुछ लोग रेस्टोरेंट में जाकर पहले कुछ ऑर्डर कर देते हैं। इसके बाद वो इधर-उधर जब देखते हैं कि उसने ये मंगवाया तो वो पहला ऑर्डर निरस्त कर, उसे मंगवा लेते हैं। इसके बाद वो सोचते है कि इससे सही वही मंगवा लेता जो पहले मंगाया था।

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग रेस्टोरेंट के टेबल पर निर्णय नहीं ले पाते वो कभी खाने का स्वाद नहीं ले सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर जीवन में सफल होना है तो हमें निर्णायक बनना होगा और कन्फ्यूजन छोड़ना होगा।