शरीर में मौजूद सात चक्रों को खोलने और संतुलित करने के करें ये मुद्राएं

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एक चक्र या एक पहिया हमारे सूक्ष्म शरीर में प्राण (ऊर्जा) का एक बिंदु है, जो हमारे शरीर के भौतिक समकक्षों जैसे शिराओं, धमनियों और तंत्रिकाओं में स्थित होता है। सात चक्रों में प्रत्येक चक्र का अपना चेतनत्व है और यह हमारी भावनात्मक तंदुरुस्ती से संबंधित है। प्राण या जीवन शक्ति जब भी अवरुद्ध हो जाती है, तब उसको मुक्त करने का बेहद फायदेमंद तरीका है योग एवं मुद्राएं। योग सड़ी हुई और दुर्गन्धित ऊर्जा को मुक्त करता है और हमारे तंत्र में मुद्राओं और श्वास के माध्यम से ताजा ऊर्जा को आमंत्रण देता है। इन के साथ, कुछ मुद्राएं भी प्राण को मुक्त करने और चक्रों को खोलने में सहायता करती हैं। उनमें शामिल है-

मूलाधार

  • आराम से बैठ जायें अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अपने ध्यान को अपने पेरिनियम (गुदा और जननेन्द्रियों के बीच के स्थान) पर केंद्रित करें।
  • अपनी तर्जनी ऊँगली और अंगूठे के साथ एक वृत्त बनाएं।
  • हथेलियों को अपने घुटनों पर आकाश की ओर देखते हुए रखते हुए हाथों को विश्राम कराएं।
  • गहरा श्वास लें और छोड़ दें।
  • 7 से 10 श्वास लेते हुए दोहराएं।

स्वाधिष्ठान

  • अपनी गोद में अपने दाहिने हाथ को बायें हाथ पर रख कर विश्राम कराएं।
  • हथेलियाँ आकाश की ओर रहें, दोनों आराम से बैठ जायें।
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अब अपने ध्यान को अपनी नाभि के नीचे एक इंच के क्षेत्र में से लेकर पहली लुम्बर वरटिब्रा तक केंद्रित करें।
  • अंगूठे हल्के से एक दूसरे से स्पर्श करें।
  • गहरा श्वास लें और छोड़ दें।
  • 7 से 10 श्वास लेते हुए दोहराएं।

मणिपुर

  • आराम से बैठ जायें अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अपने ध्यान को अपनी नाभी से लेकर सोलर प्लेक्सस और आठवीं थोरेसिक वरटिब्रा तक केंद्रित करें।
  • अपनी ऊँगलियों को सीधा रखें,सामने की ओर देखतीं हुईं एक दूसरे को शीर्ष पर छूती हुई हों। अपने अंगूठों के साथ ‘वी’ की आकृति बनाएँ। दाहिना अँगूठा बायें अँगूठे को क्राँस करते हुए रहे।
  • गहरा श्वास लें और छोड़ दें।
  • 7 से 10 श्वास लेते हुए दोहराएं।

अनाहत

  • आराम से बैठ जायें अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अपने ध्यान को अपने हृदय क्षेत्र से लेकर पहली थोरेसिक वरटिब्रा तक केंद्रित करें।
  • अपनी तर्जनी ऊँगली और अंगूठे के साथ एक वृत्त बनाएं।
  • अपने बाएं हाथ की हथेली को अपने बाएं घुटने पर विश्राम कराएं।
  • अपने दाहिने हाथ को अपने स्तनों के बीच तक उठाएं, हथेली हल्की सी आपके हृदय की तरफ झुकी रहे।
  • गहरा श्वास लें और छोड़ दें।
  • 7 से 10 श्वास लेते हुए दोहराएं।