दिवाली पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। पटाखों का असर प्रदूषण पर देखने को मिला। त्योहार के अगले दिन सुबह जब पता चला कि खतरनाक धुएं से काशी की हवा जहरीली हो गई है। कई लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया। पहले से बीमार लोग ज्यादा परेशान दिखे।
दिवाली के दिन शाम 7 बजे घरों में पूजा के बाद से शुरू हुई आतिशबाजी आधी रात बाद तक चलती रही। हर तरफ पटाखों के अवशेष और कागज बिखरे पड़े थे। अनार, फुलझड़ी, पटाखों की वजह से वातावरण धुएं से भर गया। अगले दिन सामान्य दिनों की तुलना में हवा में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा मिली।
अर्दली बाजार का एक्यूआई 181 रिकॉर्ड किया गया। सबसे अधिक हरियाली वाले इलाके बीएचयू परिसर में भी खूब आतिशबाजी हुई। यहां का एक्यूआई 176 दर्ज किया गया। उधर, भेलूपुर में 168 और मलदहिया में सबसे ज्यादा 188 एक्यूआई दर्ज किया गया। जानकारों के अनुसार, एक्यूआई 100 तक रहने पर हवा अच्छी मानी जाती है। इधर, अस्पतालों में सांस संबंधी समस्या वाले लोगों को डॉक्टर ने प्रदूषण से बचाव की सलाह दी।
काशी की हवा कुछ दिनों से ज्यादा प्रदूषित हुई है। जानकारों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में शहरी क्षेत्र का प्रदूषण स्तर और भी गंभीर हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल ऑफिसर डाॅ. अतुल सिंह का कहना है कि बढ़ता प्रदूषण सेहत के लिए खतरनाक है। लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। विशेषकर ऐसे लोग जो पहले से सांस के रोगी हैं, उन्हें मास्क लगाकर बाहर निकलना चाहिए।