दिव्य-महाकुम्भ 2025: श्रद्धालुओं को रोपवे से संगम नगरी का नजारा दिखाने की तैयारी

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Rop Way file photo

Prayagraj: सरकार ने 2025 में लगने वाले दिव्य-महाकुम्भ के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार सरकार श्रद्धालुओं को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाली है। महाकुंभ के दौरान दुनियाभर से पुण्य की डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंचने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को रोपवे से संगम का नजारा देखने को मिल सकता है। रोपवे के लिए डीपीआर तैयार हो रहा है। जल्द ही एजेंसी का चयन भी होने की उम्मीद है। 22 मई को कुंभ के प्रॉजेक्ट्स को लेकर चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में लखनऊ में होने वाली बैठक में एजेंसी को लेकर निर्णय हो सकता है। इसके बाद यह प्रॉजेक्ट रफ्तार पकड़ेगा।

पीपीपी मॉडल पर बनाने की तैयारी

प्रॉजेक्ट 2019 के कुंभ से पहले ही शुरू होना था, लेकिन सरकार इस पर आने वाले खर्च को वहन करने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए अब इसे पीपीपी मॉडल पर बनाने की तैयारी है। वैसे, रोपवे बनाने की योजना करीब तीन दशक पहले एक धार्मिक संस्था ने बनाई थी, लेकिन तब सेना के विरोध के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी थी।

त्रिकोणीय प्रॉजेक्ट तैयार

रोपवे को नैनी के त्रिवेणी पुष्प से झूंसी के उल्टा किला के बीच बनाने की योजना है। इस रोपवे के तीन स्टेशनो में से तीसरा स्टेशन नैनी का सोमेश्वर महादेव मंदिर होगा। इस मंदिर की स्थापना चंद्रदेव ने की थी। पर्यटन विभाग ने त्रिकोणीय रोपवे के लिए प्रॉजेक्ट तैयार किया था। इस रूट से श्रद्धालुओं को सोमेश्वर महादेव के दर्शन में भी सहूलियत होती।

93 करोड़ के बजट की जरूरत

प्रॉजेक्ट के लिए जरूरी प्रस्ताव बनाकर सरकार को काफी पहले भेजा जा चुका है, लेकिन पीपीपी मॉडल पर इसे बनाने के लिए कोई पार्टी नहीं मिल रही थी। सीएम के इस ड्रीम प्रॉजेक्ट के लिए नए सिरे से कवायद शुरू की गई है। करीब 2.1 किलोमीटर लंबे रोपवे निर्माण के लिए 93 करोड़ के बजट की जरूरत है। झूंसी की ओर से रोपवे के निर्माण में उल्टा किला रोड़ा बन रहा था। संरक्षित इमारत होने के कारण यहां पर निर्माण मुश्किल था। इसलिए उल्टा किला से 200 मीटर की दूरी पर रोपवे स्टेशन बनाने का नया प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।

रोपवे के दो रूट और तीन स्टेशन

प्रस्ताव के अनुसार, रोपवे का पहला रूट यमुना और गंगा को पार करते हुए, नैनी के त्रिवेणी पुष्प से झूंसी के उल्टा किला के निकट जाएगा। जबकि दूसरा रूट त्रिवेणी पुष्प से बांध रोड के ऊपर से होते हुए सोमेश्वर महादेव मंदिर जाएगा। निर्माण और संचालन करने वाली एजेंसी तीनों स्टेशनों को भी विकसित करेगी। रोपवे के तीन स्टेशन और दो रूट होंगे।

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