Mughal-e-Azam फिल्म को लेकर डायरेक्टर अनिल शर्मा ने कही ये बात

यह फिल्म जब 5 अगस्त 1960 को एक साथ देश भर के कई थियेटर में रिलीज हुई तो लोगों का हुजूम फिल्म देखने के लिए उमड़ पड़ा।

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हिंदी सिनेमा जगत की शानदार क्लासिक और हिट फिल्मों की लिस्ट मुगल ए आजम के बगैर पूरी नहीं हो सकती है। पूरे 16 साल में बन कर तैयार हुई यह फिल्म जब 5 अगस्त 1960 को एक साथ देश भर के कई थियेटर में रिलीज हुई तो लोगों का हुजूम फिल्म देखने के लिए उमड़ पड़ा। दिलीप कुमार और मधुबाला की शानदार जोड़ी की इस फिल्म के फर्स्ट डे फर्स्ट शो के लिए उमड़े लोगों का वीडियो फिल्म गदर के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने ट्विटर रीट्वीट किया है।

ट्विटर पर फिल्म गदर 2 के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने ऑफिशियल अकाउंट अनिल शर्मा से फिल्म हिस्ट्री पिक्स अकाउंट के इस पोस्ट को रीट्वीट किया है। उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा है, वाह! मुगल ए आजम एक जुनून था जुनून है और जुनून रहेगा। ब्लैक एंड वाइट वीडियो में फिल्म के रिलीज होने पर लोगों के उसे देखने के बड़ी संख्या में थियेटर पहुंचने का ब्यौरा दिया गया है। मुंबई के मराठा मंदिर थियेटर को फिल्म के पहले शो के लिए सजाया गया था। लोग मील मील भर लंबी लाइनों में लगकर टिकट खरीद रहे थे।

मुगल ए आजम अपने समय की शानदार और सबसे महंगी फिल्म थी। फिल्म के डायरेक्टर के आसिफ ने इसे बनाने में पानी की तरह पैसा बहाया था। अपने भव्य सेट्स व गानों से फिल्म ने लोगों को दिवाना बना दिया था। फिल्म में दिलीप कुमार, मधुबाला और पृथ्वीराज कपूर के अभिनय ने सलीम, अनारकली और अकबर को हमेशा क लिए अमर कर दिया। फिल्म में मुगलकालीन महलों और दरबार को असली दिखाने के लिए बेहतरीन सेट्स तैयार किए गए थे। इस फिल्म को 1960 के बेहतरीन फिल्म का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला था।