पीपलरावां: देवास जिले (Dewas) की बागली तहसील से निकलने वाली प्रसिद् काली सिंध नदी में रणजीत सागर बांध (Ranjit Sagar Dam) के समाचार कुछ समाचार पत्र में प्रकाशित होने पर देवास जिले के कई गांव के किसान व्यापारी मजदूर भ्रमित हो रहे हैं, जबकि उक्त बांद 1977 से प्रस्तावित होकर चर्चा में बना हुआ है। कभी समस्खेड़ी में बांध का सर्वे होता है तो कभी शाजापुर जिले के दारापुर रंजीतपुरा गांव में सर्वे किया जाता है।
रणजीत सागर बांध (Ranjit Sagar Dam) के निर्माण कार्य को लेकर बाजार में चर्चा चल रही है। लोगों को नवीन निर्माण कार्य करने में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। बांध की प्रस्तावित खबर जल संसाधन भूतल विभाग नई दिल्ली से जानकारी उपलब्ध नहीं होने तक बांध के बारे में स्पष्ट कहना उचित नही है कि कितने गांव रंणजीत सागर बांध की डुबक्षैत्र में आ रहे हैं और कितने गांव आंशिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
यह जानकारी अभी तक जल संसाधन विभाग से प्राप्त नहीं हुई है, ना ही मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जानकारी प्राप्त हुई है और ना ही कलेक्टर देवास और ना कलेक्टर शाजापुर से भी रणजीत सागर बांध (Ranjit Sagar Dam) के बारे में स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। जब तक भूतल विभाग नई दिल्ली से रिपोर्ट नहीं मिलती है, तब तक बांध की स्थिति के बारे में स्पष्ट नही कहा जा सकता है। समाचार पत्र के माध्यम से जो खबर छप रही है वह एक फेक न्यूज़ मानी जा रही है।
इस प्रकार के समाचार लगाना और जनता को भ्रमित करना उचित नहीं है। पत्रकार राजनीतिक का चौथा स्तंभ माना जाता है। मेरा पत्रकार साथियों से निवेदन है कि खूब लिखे लेकिन सत्य लिखे। अगर सत्य नहीं लिखे तो गलत भी नहीं लिखे। इससे जनता भ्रमित होती है क्योंकि मीडिया शासन प्रशासन के बीच की कड़ी होती हैं तथा जिस प्रकार अपना चेहरा आईने में देखते है उसी प्रकार सच्चाई को जनमानस को दिखाना पत्रकारों का दायित्व होता है। मेरे द्वारा जल संसाधन विभाग नई दिल्ली से शीघ्र जानकारी मांगी गई है। जानकारी उपलब्ध होने पर बांध की स्थिति से स्पष्ट कराई जाएगी।
इस संबंध में कपिल नागर से पूछने पर बताया कि यह एक समाचार पत्रों में लगी खबर अफवाह ही मानी जाएगी क्योंकि इस प्रकार की खबरें हमेशा ही चुनाव से पूर्व आती है। वही नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि देवनारायण शर्मा ने बताया कि रणजीत सागर बाँध बनने का है किंतु अभी कंफर्म नहीं है क्योंकि यह बंद शासन की योजना अनुसार केंद्र से इसकी संपूर्ण राशि तब ही बांध का कार्य सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा। अभी कंफर्म यह भी नहीं है कि नदी से नदी जोड़ी जायेगी या बड़ा बांध बनेगा और उसमें कितने गांव प्रभावित होंगें।
वही ग्रामीण क्षेत्र के प्रमुख व्यक्ति अरुण कुमार वर्मा से पूछने पर बताया कि बांध बनने से क्षेत्र के बहुत सारे गांव का जल स्तर बढ़ेगा जिससे किसानों की आय बढ़ने की पूर्ण संभावना है।