देवास: पति की हत्या करने वाली पत्नी व प्रेमी को उम्रकैद की सजा

2019 में सिविल लाइन थाने पर इटावा में रहने वाली पिंकी जाटवा ने अपने पति सुनील जाटवा की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

0
62

एमपी में देवास के पांच वर्ष पूर्व 2019 में हुए सनसनीखेज हत्याकांड के एक मामले में विशेष न्यायाधीश ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पति की हत्या करने वाली पत्नी व उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

प्रकरण के मुताबिक 2019 में सिविल लाइन थाने पर इटावा में रहने वाली पिंकी जाटवा ने अपने पति सुनील जाटवा की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो मामला संदिग्ध नजर आया। लिहाजा पुलिस ने पिंकी से पूछताछ की। इस दौरान पिंकी ने अपने पास एक मोबाइल होने की जानकारी दी थी, किंतु जब पुलिस ने घर की तलाश ली तो एक अन्य मोबाइल भी चालू हालत में मिला। इसमें अनवर पिता बाबू शाह नामक व्यक्ति से पिंकी की बार-बार चर्चा होने के प्रमाण मिले। लिहाजा पुलिस ने अनवर को संदिग्धता के दायरे में लेकर हिरासत में ले लिया और फिर पूछताछ हुई तो पूरी कहानी सामने आ गई और पुलिस ने पिंकी को भी गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में पिंकी व अनवर ने अपराध करना कबूल करते हुए बताया कि पिंकी व उसका पति सुनील जाटवा इटावा में रहते थे। इसी दौरान पिंकी की अनवर पिता बाबू शाह से दोस्ती हुई और यह दोस्ती जल्दी ही प्यार में बदल गई। यह बात जब सुनील को पता चली तो उसने पिंकी पर अंकुश लगाया। यह बात पिंकी व अनवर को नागवार गुजरी।

लिहाजा दोनों ने सुनील को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली और एक दिन घर में ही मौका मिलने पर दोनों ने मिलकर सुनील का गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद साक्ष्य छुपाने के लिए सुनील की लाश को रात के अंधेरे में नारंजीपुर उज्जैन ले गए, जहां पर अनवर के खेत पर एक गड्ढा खोदकर लाश को गाढ़ दिया। इस खुलासे के बाद पुलिस ने नारंजीपुर पहुंचकर लाश को गड्‌ढे से निकाला, तब तक लाश कंकाल में बदल चुकी थी।

पुलिस ने इन दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302 व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां पर लगातार 5 साल तक यह मुकदमा चला, जिसमें कई तथ्य व सबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अतुल पंड्या ने की व सहयोग गोपीकिशन बाड़ोले का रहा।