Dewas: कृषि विभाग (Agriculture Department) के अंतर्गत आने वाले सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय में करीब दो करोड़ के गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला उजागर होने के बाद गबन करने वाला कर्मचारी परिवार सहित फरार हो गया है। जबकि कलेक्टर ऋषव गुप्ता के निर्देश पर एसडीएम व ट्रेजरी ऑफिसर ने स्टेशन रोड स्थित सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय को सील कर दिया है और दस्तावेज जब्त कर लिये है।
इस मामले की जांच शुरु हो गई है। जांच में गबन की राशि ओर भी बढ़ने की संभावना है। इतना बड़ा गबन हो गया और उप संचालक कृषि इस पूरे मामले से अनजान बने हुए है। जबकि गबन करने वाला कर्मचारी उन्हीं के कक्ष में बैठकर काम करता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्टेशन रोड पर कृषि विभाग (Agriculture Department) के अंतर्गत आने वाला सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय है, जहां पदस्थ सहायक ग्रेड-3 शिवम पारूलकर ने अधिकारियों-कर्मचारियों के पेंशन की राशि में गबन करते हुए 1 करोड़ 88 लाख रुपये स्वयं व अपने परिजनों के खाते में डाल दी।
बताया जा रहा है कि शिवम पारूलकर कृषि उपज संचालक आर.पी. कनेरिया के कक्ष में बैठकर ही कम्प्यूटर से कर्मचारियों अधिकारियों के बिल जनरेट कर ट्रेजरी से पैसे डलवाता था। साथ ही सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों की राशि भी इसी के द्वारा उनके खाते में डाली जाती थी। इसी दौरान शिवम पारूलकर ने सीनियर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर राधेश्याम मर्सकोले की सेवानिवृत्ति के बाद उनके नाम से 6 बार ट्रांजेक्शन किया। जबकि उनके खाते में एक ही बार पैसा पहुंचा। प्रारंभिक जांच में पता चला कि शिवम पारूलकर ने 1 करोड़ रुपये अपनी मां के खाते में, 70 लाख रुपये स्वयं के खाते में तथा 18 लाख रुपये भाई के खाते में हस्तांतरित किए है। चूंकि भुगतान की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की जाती थी, जिसकी जानकारी जिला कोषालय से लेकर भोपाल मुख्यालय तक होती थी।
भोपाल में बैठे कोषालय अधिकारी को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने संज्ञान लिया, तब कहीं जाकर यह मामला उजागर हुआ। बुधवार को कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम बिहारी सिंह तथा जिला कोषालय अधिकारी नेहा कलचुरी द्वारा सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय पहुंचकर कार्यालय को सील कर दिया गया। हालांकि गुरुवार को उज्जैन से आई कोषालय की टीम ने ताले खोलकर सभी दस्तावेज जब्त कर अपने साथ ले गई। अब इस पूरे मामले की जांच होगी। इधर मामला उजागर होने के बाद जांच शुरु हो गई है और उधर गबन करने वाला कर्मचारी शिवम पारूलकर परिवार सहित फरार हो गया है। बताया जा रहा है कि विभागीय अधिकारी बदनामी से बचने के लिए इस पूरे मामले को रफा-दफा करने में लगे हुए हैं। शायद यही चजह है कि वे मोडिया से बात करने से कतरा रहे हैं। एक अधिकारी ने फोन बंद किया, दूसरे ने पल्ला झाड़ा।
इस गबन को लेकर जब सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी लक्ष्मी किराड़े से संपर्क किया गया तो पहली बार तो उन्होंने फोन उठा लिया, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि फोन मीडियाकर्मी का है और गबन को लेकर सवाल कर रहे हैं, तो उन्होंने फोन काट दिया और उसके बाद लगातार फोन लगाने के बाद भी फोन रिसीव नहीं किया। जबकि उप संचालक कृषि आर. पी. कनेरिया ने पहले तो इस मामले से अनभिज्ञता प्रकट कर दी, किंतु जब उन्हें तथ्यों से अवगत कराया तो उन्होंने सिरे से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उक कर्मचारी सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी के अधीनस्थ है, इसीलिए लक्ष्मी किराड़े ही इस मामले में कुछ कह सकती है, किंतु जब उन्हें बताया गया कि गचनकर्ता कर्मचारी आपके कक्ष में बैठकर ही काम करता था, तो फिर कनेरिया का कहना था कि नेट प्राब्लम के कारण मेरे कक्ष में बैठकर शिवम कम्प्यूटर चलाता था, किंतु मेरा उससे कोई लेना-देना नहीं था।
मामला संज्ञान में आने के बाद कार्यालय सील कर दिया गया है और दस्तावेज भी जब्त कर लिए गए है। चूंकि मामला काफी गंभीर है, इसीलिए फिलहाल इस मामले में कुछ कहना जल्दबाजी होगा। जांच पूर्ण होने के बाद ही पता चलेगा कि कितनी राशि का गबन हुआ है। उसके बाद ही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।