देवास: कई सालों से अवैध तरीके से संचालित हो रहा नशा मुक्ति केंद्र

अपर कलेक्टर के पत्र से हुआ खुलासा, नशा छुड़वाने के नाम पर ठगी का कारोबार जारी।

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मध्य प्रदेश: देवास शहर (Dewas) के भोपाल रोड स्थित ग्राम पंचायत जामगोद में पहचान नशा मुक्ति केंद्र के नाम से नशा छुड़वाने का सेंटर संचालित किया जा रहा है। जिसमें कि एक बिल्डिंग के अंदर 60 से अधिक लोगों को शराब छुड़वाने के लिए रखा गया है। नशा छुड़वाने के नाम पर इन्हें कई दिनों तक भूखा प्यासा रखकर प्रताड़ित किया जाता है। यहां प्रताड़ित हो रहे व्यक्ति की दूर-दूर तक चिल्लाने की आवाज़ें निरंतर आती रहती हैं। दिन रात विभिन्न विभिन्न प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां मरीजों को दी जाती है। यहां तक की वहां भर्ती होने वाले मरीज को परिवार वालों से किसी भी प्रकार से संपर्क नहीं करने दिया जाता और परिवार वालों को भी अपने परिजन से मिलने या फोन पर बात तक नहीं करने दिया जाता है। इस प्रकार की शिकायत कुछ पीड़ित परिवारों के द्वारा शिवसेना के पास शिकायत पत्र भेजकर की गई। जिस पर युवा शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष अनुराग सोनार ने जिला इकाई को निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

शिवसेना ग्रामीण जिला अध्यक्ष ठाकुर

श्रवण सिंह बैस ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्ष निरीक्षण करने पहुंचे और संबंधित संचालकों से दस्तावेज संबंधित जानकारी ली गई। जिसमें पाया गया कि पहचान नशा मुक्ति केंद्र जो यहां संचालित किया जा रहा है उसके पास स्थानीय शासकीय की कोई अनुमति प्राप्त नहीं है। अनुमति के नाम पर मात्र एक पत्र जोकि मानसी शिक्षा समिति राजगढ़ का दिखाया गया। इसके अतिरिक्त इनके पास किसी भी प्रकार की कोई वैधानिक अनुमतियां नहीं मिली।

यहां यह भी पाया गया कि यहां मरीज को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है और बिल्कुल एक अस्पताल की तरह सभी का इलाज किया जा रहा है। जिसके लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी से भी विधिवत अनुमति ले जाना अनिवार्य होती है। यह भी उनके पास नहीं थी। जिससे स्थिति स्पष्ट हुई कि बिना अनुमतियों को लिऐ देवास (Dewas) में अवैध नशा मुक्ति केंद्र संचालित किया जा रहा है।

शिवसेना नेता रोहित शर्मा बताया कि पहचान नशा मुक्ति केंद्र पर शराब छुड़ाने पर होने वाली व्यवस्था नजर नहीं आई। एक तरह से हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं वहां पर होना चाहिए थी, लेकिन वहां की व्यवस्था देखते हुए ऐसा लगता है शराब छुड़ाने के नाम पर मरीज को हाथ पैर बांधकर पटक दिया जाता है, प्रताडित किया जाता है और इलाज के नाम पर परिजनों से लाखों रुपए ऐंठे जा रहें है। इस विषय पर जब संबंधित विभाग सहित अन्य विभागों से जानकारी लेना चाही तो अपर कलेक्टर कार्यालय से लिखे गए एक पत्र की जानकारी मिली, जिसमें 25 जनवरी 2024 को यह उल्लेख किया गया है कि पहचान नशा मुक्ति केंद्र के पास कोई वैधानिक अनुमति नहीं है।

इस गंभीर विषय को लेकर शिवसेना जिलाध्यक्ष सुनील वर्मा ने कलेक्टर ऋषभ गुप्ता से मुलाकात की और पहचान नशा मुक्ति केंद्र पर कार्रवाई के संबंध में शिकायत आवेदन दिया। जिस पर कलेक्टर श्री गुप्ता ने संबंधित विभाग को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए दिये। शिवसेना नेता विष्णु चौहान ने जनता से अपील कि है इस नशा मुक्ति केंद्र से पीडितों को जो परेशानी हो रही है लिखित में कलेक्टर कार्यालय या शिवसेना कार्यालय पर संपर्क कर करे। जिससे आपकी मदद की जा सके। उक्त जानकारी शिवसेना ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष लखन टिपानिया ने दी।