पानी होने के बावजूद भी दिल्लीवासियों को होने वाली है पानी की किल्लत

दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण तीन जल शोधन संयंत्रों के बंद हो जाने के बाद पानी की सप्लाई में 25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है।

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दिल्ली (Delhi) में यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। वही इतनी पानी के बावजूद भी अब लोगो को पानी की भारी किल्लत होने वाली है। दरअसल, दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण तीन जल शोधन संयंत्रों (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) के बंद हो जाने के बाद पानी की सप्लाई में 25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि चंद्रावल, ओखला और वज़ीराबाद के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से ठप पड़ गए हैं।

दिल्ली के 3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने के बाद पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली समेत कई इलाकों में लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। जहाँ पश्चिमी दिल्ली में पटेल नगर, प्रेम नगर, राजिंदर नगर, पंजाबी बाग और बलजीत नगर में पानी की सप्लाई बाधित हो सकती है।

वही दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी, ग्रेटर कैलाश, तुगलकाबाद, कालकाजी, मूलचंद और साउथ एक्सटेंशन में पानी की दिक्कत होगी। इसके अलावा उत्तरी दिल्ली में भी गुलाबी बाग, कमला नगर, मॉडल टाउन, सिविल लाइंस और शक्ति नगर इलाकों में पानी की कमी रहेगी।

वही दिल्ली के एनडीएमसी क्षेत्र के शंकर मार्केट, बाराखंभा रोड, गोल मार्केट, संसद भवन, जय सिंह रोड, अशोक रोड और कनॉट प्लेस वाले इलाकों में पानी की किल्लत रहेगी। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जल शोधन संयंत्रों के बंद होने से शहर के कुछ हिस्सों में जल की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ेगा।

उपराज्यपाल की अध्यक्षता में बाढ़ की स्थिति को लेकर हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि शहर में जल शोधन संयंत्रों के बंद होने से पानी की आपूर्ति को तर्कसंगत बनाया जाए।

वही बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा कि “पानी की भारी कमी होने वाली है। तीन संयंत्रों से पानी का शोधन 25 प्रतिशत तक कम हो गया है। पानी की तर्कसंगत रूप से आपूर्ति करनी होगी और लोगों को अगले एक या दो दिन पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा।”