दिल्ली पुलिस ने किया गोहत्या गिरोह का भंडाफोड़, तीन लोग गिरफ्तार

सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने कहा कि अपराध में उपयोग किया गया एक चार पहिया वाहन भी बरामद किया गया है।

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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक गोहत्या गिरोह का भंडाफोड़ किया है और इस मामले में तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है। पुलिस के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों की पहचान वजहत उर्फ अज्जू , जहाने आलम उर्फ जाहना और साजिद उर्फ सदवा के रूप में हुई है। सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने कहा कि अपराध में उपयोग किया गया एक चार पहिया वाहन भी बरामद किया गया है।

यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय था, मुख्य आरोपी साजिद उर्फ सदवा एक कुख्यात अपराधी है। जिसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में पकड़ा था और वह जुलाई 2023 में जेल से बाहर आया था। पुलिस ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस एएटीएस/एनईडी और पीएस करावल नगर की संयुक्त टीम ने दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय संभल (यूपी) के एक गोहत्या गिरोह का भंडाफोड़ किया और गोहत्या के मामले को सुलझाया।’

उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार, 24 दिसंबर को करावल नगर थाने में एक पीसीआर कॉल आई थी। जिसमें बताया गया था कि दिल्ली के करावल नगर, जानकी पांचाल विहार के पास गाय के कुछ कटे हुए सिर और अन्य हिस्से मिले हैं। करावल नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 429 और 424(4) और जानवरों के खिलाफ क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

जांच के दौरान, आरोपी व्यक्तियों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए। पुलिस ने कहा कि कई सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया और इस अपराध में एक ‘होंडा सिटी’ कार के शामिल होना का पता चला। एकत्रित इनपुट और जानकारी के आधार पर, पुलिस तीन संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश में लग गई। इन आरोपियों को दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद में उनके किराए के आवास से अरेस्ट किया गया।

आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया और खुलासा किया कि उन्होंने जाफराबाद के एक दवा विक्रेता से गायों को बेहोश करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ‘Xylaxin’ इंजेक्शन खरीदे थे और दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों से आवारा गायों को उठाते थे। पुलिस के अनुसार, उनके कब्जे से 17 सीरिंज और 34 सूइयां भी बरामद की गईं। पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपी पहले नगली (यूपी), शालीमार बाग और गोकुलपुरी में दर्ज 15 से अधिक गोहत्या के मामलों में शामिल थे।