गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज मोहल्ले में स्थित मां दुर्गा हॉस्पिटल में मंगलवार की सुबह प्रसव के कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई। बाद में, जब गर्भवती महिला की हालत खराब हो गई, तो नर्सिंग होम संचालक ने उसे चिलुआताल जिले में अपने एक अन्य नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया, जहां उसी शाम उसकी मृत्यु हो गई।
इसके बाद परिजन और ग्रामीण कैंपियरगंज स्थित अस्पताल पहुंच कर हंगामा करने लगे। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने अस्पताल को खाली कराकर सील कर दिया। पुलिस ने प्रसूता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक, नगर पंचायत चौमुखा (कैंपियरगंज) के वार्ड नंबर-14 रामनगर निवासी शैलेष चौरसिया की पत्नी सुनीता (32) सोमवार को कैंपियरगंज के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराई गई थीं। मंगलवार की सुबह प्रसव के लिए सुनीता का ऑपरेशन किया गया। घरवालों के अनुसार प्रसव के कुछ देर बाद नवजात की मौत हो गई।
वह लोग कुछ समझ पाते, तब तक अस्पताल संचालक ने प्रसूता की हालत गंभीर बताते हुए गोरखपुर के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने की बात कही, लेकिन उसे गोरखपुर शहर के बजाय चिलुआताल क्षेत्र स्थित अपने एक अन्य नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। शाम चार बजे प्रसूता की भी मौत हो गई। एसओ चिलुआताल संजय कुमार मिश्र ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है।
हंगामा हुआ तब सक्रिय हुआ प्रशासन
अस्पताल संचालक महिला के परिजनों को कैंपियरगंज से चिलुआताल लेकर आ गया था। यहां पुलिस ने संचालक को पूछताछ के बाद छोड़ दिया। इसके बाद परिजन और ग्रामीण कैंपियरगंज स्थित अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे।
इसकी जानकारी होने पर एसडीएम अमित कुमार जायसवाल पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों की बात सुनने के बाद एसडीएम ने अस्पताल को खाली कराकर सील कर दिया। एसडीएम ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। अस्पताल की मान्यता, डॉक्टर की उपस्थिति आदि की जांच की जाएगी।