पंजाब के लुधियाना सिविल अस्पताल में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, यहाँ शवों को बदल दिया गया। मृतक जीआरपी कर्मचारी का गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया जाना था। लेकिन दूसरे मृतक युवक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गुरुवार सुबह मृतक के परिवारों वालों ने मदर एंड चाइल्ड केयर वार्ड, इमरजेंसी वार्ड और यहां तक कि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की। घटना के बाद गुस्साये परिजनों को शांत कराने के लिए भारी पुलिस बल के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार दूसरा युवक आयुष लुधियाना के सलेम तबरी मोहल्ला का रहने वाला है। वह काफी बीमार था। जिसकी वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसका शव मुर्दाघर में रख दिया था | इसी बीच पुलिसकर्मी मनीष की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। उसका शव भी मुर्दाघर में रखा हुआ था।
बुधवार को सिविल अस्पताल में मनीष के परिजन शव लेने पहुंचे। उन्होंने मनीष की जगह गलती से आयुष का शव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने दाह संस्कार से पहले शव की जांच नहीं की।
गुरुवार सुबह जब परिवारिक सदस्य शव लेने के लिए अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि अस्पताल प्रबंधकों ने शव किसी और को उठवा दिया है, जिसके बाद परिवार वालों ने हंगामा शुरू कर दिया। दरअसल जब आयुष के पिता राकेश सूद सिविल अस्पताल मुर्दाघर में शव लेने पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि आयुष का शव कोई और ले गया है। आयुष के परिजन गुस्सा हो गए। उन्होंने अपने रिश्तेदारों को बुलाया जिन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ की।
पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जबकि एक अन्य मामले में बिना पहचान के शव का अंतिम संस्कार करने का मामला दर्ज किया गया है।