मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस-वे के पास लाल ट्रॉली बैग के अंदर दिल्ली निवासी आयुषी यादव (21) का शव मिला। रविवार को मृतक की मां और भाई ने शव की पहचान की। पुलिस का मानना है कि आयुषी की मौत ऑनर किलिंग थी। पीड़िता के पिता ने उसे गोली मार दी थी, उसके शव को एक बैग में रखा था और उसे मथुरा के राया इलाके में फेंक दिया था। आरोपी पिता से फिलहाल अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
एसपी सिटी एमपी सिंह का कहना है कि युवती 17 नवंबर को सुबह घर से निकली थी. दूसरे दिन यानी 18 नवंबर को यमुना एक्सप्रेस-वे की सर्विस रोड पर एक ट्रॉली बैग में उसका खून से लथपथ शव मिला था. युवती के सिर, हाथ और पैरों में चोट के निशान थे और छाती में गोली मारी गई थी. मथुरा पुलिस ने मृतका की शिनाख्त के लिए 8 टीमें लगाई थीं. पुलिस की टीमें युवती की पहचान के लिए गुरुग्राम, आगरा, अलीगढ़, हाथरस, नोएडा और दिल्ली तक पहुंचीं.
बदरपुर इलाके में मिला युवती का घर
पुलिस के मुताबिक, लगातार जारी छानबीन में लावारिस शव की पहचान आयुषी यादव पुत्री नितेश यादव निवासी गली नंबर-65, गांव मोड़बंद, थाना बदरपुर (दिल्ली) के तौर पर हुई. इसके बाद पुलिस की टीम युवती के घर पहुंची, जहां उसकी मां और भाई मिले जबकि पिता गायब था. इसके बाद दोनों को पोस्टमार्टम गृह लाकर शव की पहचान कराई गई. मां ने शव अपनी बेटी आयुषी का ही बताया और कुछ आगे बताने से इनकार कर दिया.
पिता ही बेटी की हत्या का आरोपी
हैरानी की बात यह थी कि घरवालों ने इस मामले में बेटी की गुमशुदगी भी दर्ज नहीं कराई थी. हालांकि, इस मामले में पुलिस को शुरुआत में ही इनपुट मिल गया था कि पिता ही बेटी की हत्या का आरोपी है. फिलहाल आरोपी पिता पुलिस की हिरासत में है और उससे पूछताछ जारी है. साथ ही हत्या में इस्तेमाल हथियार और लाश को ले जाने में प्रयोग की गई कार को बरामद कर लिया है.
20 हजार फोन और 210 सीसीटीवी खंगाले
युवती की शिनाख्त के लिए सर्विलांस की टीम ने करीब 20 हजार मोबाइल फोन ट्रेस किए. इन मोबाइलों की लोकेशन भी सर्विलांस की टीम ने खंगाली. जेवर, जाबरा टोल, खंदौली टोल के अलावा हाथरस, अलीगढ़ और मथुरा आने वाले मार्गों पर लगे 210 सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले. जिसके बाद पुलिस को मृतका की शिनाख्त कराने में सफलता मिल सकी.
युवती की शिनाख्त के लिए पुलिस ने दिल्ली एनसीआर, अलीगढ़ और हाथरस में जगह-जगह मृतका के पोस्टर भी लगवाए थे. इसके अलावा अलीगढ़, हाथरस और कानपुर से भी लापता बेटियों के लिए परिजन थाना राया पहुंचे थे.
गोरखपुर का रहने वाला परिवार
कार्यवाहक एसएसपी एमपी सिंह ने बताया कि मां और भाई ने पोस्टमार्टम गृह पर पहुंचकर आयुषी के शव की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि ये परिवार मूल रूप से गोरखपुर जिले का रहने वाला बताया जा रहा है. फिलहाल आयुषी का परिवार दिल्ली के थाना बदरपुर क्षेत्र में रहता था. पिता नितेश यादव की इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है.
ट्रॉली बैग से मिली लाश और लाल साड़ी
बता दें कि 18 नवंबर की सुबह 11 बजे यमुना एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में लाल रंग के ट्रॉली बैग में खून से लथपथ युवती का शव मिला था. उसकी गोली मारकर हत्या करने के बाद ट्रॉली बैग में पैक करके शव को फेंका गया था.