वाराणसी: धर्म की नगरी काशी (Kashi) में श्रावण मास में भगवान पुरुषोत्तम (Lord Purushottam) के आखरी दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। वाराणसी (Varansi) के हौज कटरा स्थित भगवान पुरुषोत्तम के मंदिर में श्रद्धालुओं ने विधि- विधान से पूजन किया। श्रद्धालुओं ने भगवान पुरुषोत्तम को तुलसी के पत्ते के साथ मालपुआ का प्रसाद अर्पित किया।
मंदिर के पुजारी के अनुसार प्रत्येक 3 वर्ष पर होने वाले पुरुषोत्तम मास का बेहद महत्व होता है। पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजन करने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। परंपरा के अनुसार काशी (Kashi) में भगवान पुरुषोत्तम को इस महीने मालपुआ का भोग लगाया जाता है। वहीं महिलाएं भगवान पुरुषोत्तम के मंदिर में दीप जलाती हैं। पुरुषोत्तम मास के गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजन के साथ भगवान सत्य नारायण की कथा सुनने का महत्व है। इस महीने में दान को महादान के रूप में मान्यता है। वहीं गुरुवार को गाय को घास खिलाना अति उत्तम माना जाता है। वही मान्यता है कि भगवान विष्णु के मंदिर में इस दिन जरूरतमंदों को हल्दी दान करने पर कुंवारी कन्याओं के विवाह का संयोग बनता है। वाराणसी में स्थित भगवान पुरुषोत्तम (Lord Purushottam) के मंदिर में अधिकमास के आखिरी गुरुवार को तमाम अधिकारियों के साथ श्रद्धालुओं ने दर्शन -पूजन किया।