सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार ( 10 अप्रैल) को अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। योजना के तहत चार साल की अवधि के लिए तीनों सशस्त्र बल डिवीजनों में युवाओं को शामिल करने की बात कही गई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि, यह योजना मनमानी नहीं है। अधिवक्ता एम.एल. शर्मा (M.L. Sharma) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि, इसे संसद द्वारा पारित किया जाना चाहिए और इसे एक योजना के रूप में नहीं लाया जाना चाहिए था। एम.एल. शर्मा ने कहा, मेरा सवाल बस इतना है कि जब तक संसद इसे मंजूरी नहीं देती, ऐसा नहीं किया जा सकता।
एम.एल. शर्मा की दलीलें सुनने के बाद, खंडपीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा (P.S. Narasimha) और जेबी पारदीवाला (JB Pardiwala) ने याचिका खारिज कर दी। बता दें कि, फरवरी में, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसे राष्ट्रीय हित में पेश किया गया है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को भारतीय सेना और वायु सेना के लिए शुरू की गई उन भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करने के निर्देश देने की मांग वाली एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की, जिन्हें पिछले साल जून में ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा के बाद बंद कर दिया गया था।
याचिका में की गयी थी ये मांग
एक वकील ने कहा कि, वह अग्निपथ योजना को चुनौती नहीं दे रहे हैं और यह मामला सेना और वायु सेना के लिए पूर्व में अधिसूचित भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करने तक ही सीमित है। उन्होंने आगे कहा कि, कोरोना का हवाला देते हुए कई बार परीक्षाएं स्थगित की गईं और अचानक जून में अग्निपथ योजना की घोषणा की गई और वायु सेना के लिए परीक्षाएं हुईं, लेकिन परिणाम जारी नहीं किए गए। याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि, उम्मीदवारों के पास भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की मांग करने का कोई निहित अधिकार नहीं है। वकील ने आगे कहा कि, इन लोगों की भर्ती होने पर भी अग्निपथ योजना प्रभावित नहीं होगी।
बता दे कि, अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) की शुरुआत जून 2022 में हुई। इस योजना के तहत हर साल साढ़े सत्रह साल से 21 साल के बीच के लगभग 45-50 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। इनमें से अधिकतर चार साल की सेवा के बाद सर्विस से बाहर हो जाएंगे और केवल 25 पर्सेंट को ही अगले 15 वर्ष के लिए सेवा में जारी रखने के लिए चयन किया जायेगा।