देश की पहली रैपिड रेल होगी आधुनिक सुविधाओं से लैस।

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देश की पहली रैपिड रेल(rapid rail) गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक चलेगी। इसका पहला खंड साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है।दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल (rapid rail)के पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई के बीच ट्रेन का परिचालन इसी महीने शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है। इस ट्रैक पर 180 की रफ्तार से ये ट्रेन दौड़ेगी। बीते दिनों रैपिड रेल(rapid rail) का नाम बदलकर रैपिडएक्‍स कर दिया गया है। दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय को ये काफी कम कर देंगी।

प्रीमियम कोच से सुसज्जित होगी रैपिडेक्स

रैपिड रेल में प्रीमियम कोच को भी जोड़ा जाएगा। हर सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की व्यवस्था, पर्याप्त स्पेस और कुशन वाली आरामदायक सीट मतलब सफर के दैरान काम और मनोरंजन के दौरान कोई रुकावट नहीं होगी। आपको बताते चले कि मेक इन इंडिया के तहत रैपिड रेल का निर्माण गुजरात में किया गया है। दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर को 2025 में चालू करने का लक्ष्य है। इस प्रोजेक्ट को 30,274 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।

रैपिडएक्‍स के परिचालन से जाम से मिलेगी निजात

ट्रेन के कोच को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे लोग अपने निजी वाहन को छोड़कर इस नई रेल सेवा की तरफ ज्यादा से ज्यादा आकर्षित हों।इससे सड़को पर निजी वाहनों के परिचालन में कमी के आसार है। नतीजन सड़क पर जाम में कमी होगी और प्रदूषण भी कम होगा। RRTS अधिकारियों की मानें तो रोजाना दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ जाने वाले लोगों की संख्या लाखों तक हो सकती है। RRTS ट्रेन में एक प्रीमियम कोच की सुविधा देने की वजह ज्यादा से ज्यादा लोगों को ट्रेन का सफर करने के लिए आकर्षित करना है।

कई आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था

एयर कंडीशनयुक्त इस कोच में सामान रखने के लिए रैक, डायनमिक रूट मैप्स, ऑटो कंट्रोल एंबियंट लाइटिंग सिस्टम सहित कई सुविधाएं हैं। कोच में सीटों की साइज 2*2 ट्रांसवर्स सीटिंग की व्यवस्था है, खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह है। RRTS स्टेशनों और ट्रेनसेट को 24 घंटे 7 दिन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा जाएगा। इसके अलावा लोगों के एंट्री और एग्जिट के लिए तीन गेट बनाए गए हैं।