Siddharthnagar: भ्रष्टाचार पर प्रदेश की योगी सरकार का रूख सख्त है और सरकार का दावा भी है कि उनके शासन काल में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह नही है। बावजूद इसके भ्रष्टाचार है कि कम होने का नाम ही नही ले रहा है। मामला सिद्धार्थनगर जनपद (Siddharthnagar) के सदर विकास खंड के ग्रामपंचायत रसूलपुर का है, जहां अभी दो लाख चालीस हजार के मामले में रिकवरी की कार्यवाई प्रक्रियाधीन है और दूसरे चार अन्य भ्रष्टाचार के मामले सामने आ गये जिसमें जिम्मेदारों द्वारा लगभग 9 लाख रूपए के करीब गबन किए जाने की पुष्टि हुई है।
जानकारी के अनुसार तत्कालीन सचिव, वर्तमान एडीओ पंचायत एवं ग्राम प्रधान द्वारा विद्यालय में टाइल्स लगवाने, सीसी रोड व दो नाली बनवाने के नाम पर पैसा निकाला गया जोकि पिछले पंच-वर्षीय में पूर्व प्रधान द्वारा ही करवा कर भुगतान लिया जा चुका है। इसके बावत गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा नियमानुसार शिकायत की गई, जिस पर जांच कमेटी में बतौर जांच अधिकारी के तौर पर अधिशाषी अभियंता नलकूप के द्वारा जांच की गयी और भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की पुष्टी हुई।
अब बड़ा सवाल यह है कि जहाँ सरकार भ्रष्टाचार उन्मूलन का दावा करती है, वैसे में उनके ही अधिकारी जानकारी के बावजूद कोई भी कार्यवाही करने में असफल दिख रहे है। इस सम्बंध में मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जाएगी ।