एमपी के राणापुर नगर में पिछले चार-पांच दिनों से मछलियों का मरना जारी था। इसकी सूचना नगर पालिका सीएमओ को दी गई थी जब उन्हें सूचना प्राप्त हुई तब वह भोपाल गए हुए थे परंतु उन्होंने इस मैटर को ज्यादा ना बढे इसलिए इसकी सूचना नगर पालिका कर्मचारी को और नगर पालिका अध्यक्ष महोदय को दी थी।
इसके बाद नगर पालिका सीएमओ द्वारा दूसरे दिन से ही तालाब में साफ सफाई और मछलियों के मरने के कारण की जानकारी प्राप्त करने के लिए बहुत प्रयास किया और जिस प्रकार से उनके द्वारा जो प्रयास हो सके वह उन्होंने किया तीन दिन सतत मछलियों के मरने के बाद उनके द्वारा उन मछलियों को निकाल करके एक गड्ढे में गाड़ा गया साथ ही उनके द्वारा तालाब में एक जल मोटर लगा करके पाइप द्वारा उन में छेद करके एक अस्थाई फवारा बनाया गया।
जिससे पानी को वापस ऊपर नीचे किया जाए और सतत उनके इस प्रयासों से मछलियों का मरना पिछले दो दिनों से कम हुआ है उन्होंने ऐसे कार्य खड़े रहकर के कर्मचारियों से करवाया मछलियों के मरने के बाद राणापुर में दो दिन काफी आसपास तालाब के किनारे बदबू आना शुरू हो गई थी, परंतु सीएमओ द्वारा अपने सूझबूझ से उसे कम करने के लिए कर्मचारियों से घाट पर सफाई कराई गई और साथ ही पानी की मोटर लगा करके पानी को साफ करने के अथक प्रयास किए गए।
आज राणापुर के सीएमओ द्वारा तालाब का पानी लेकर के उसे पुनः तालाब के पानी मे घुलित ऑक्सीजन, BOD/COD इत्यादि जांच के लिए SGITS कॉलेज इंदौर विशेष वाहक से भेजा गया। जिससे मछलियों के करने का वास्तविक कारण जांच में साबित हो सके।
क्या है BOD जांच?
ऑक्सीजन की वह मात्रा जो जल में कार्बनिक पदार्थ के जैव रासायनिक अपघटन के लिए आवश्यक होती है, वह BOD कहलाती है। जल प्रदूषण की मात्रा को BOD के माध्यम से मापा जाता है। किसी दिए गए पानी के नमूने में मौजूद कार्बनिक पदार्थ को तोड़ने के लिए एरोबिक जीवो द्वारा उपयोग की जाने वाली घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा को परिभाषित करता है। BOD एक जीव रासायनिक प्रक्रिया है यह कोई साधारण परीक्षा नहीं है लेकिन बोड पानी की गुणवत्ता का संकेत देने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाला प्रशिक्षण है।