फ्री फायर गेम के चक्कर में घर से पैसे और जेवरात लेकर फरार हुआ बच्चा

सायबर सेल व पिपरी पुलिस ने किया बरामद। ऑनलाइन गेम को अत्यधिक खेलने से बच्चों में इन गेमों की लत लग जाती है, पेरेंट्स ध्यान दें.. एसपी कौशाम्बी

1
4
Free Fire game

कौशाम्बी: फ्री फायर गेम (Free Fire game) के चक्कर में घर से पैसे और जेवरात लेकर फरार बच्चे को सायबर सेल व पिपरी पुलिस ने बरामद किया हैं। गौरतलब है कि 13 मई को शिवांगनी सिंह पत्नी धनश्याम सिंह निवासी तिल्हापुर मोड़ थाना पिपरी जनपद कौशाम्बी द्वारा सूचना दी गयी कि उनका 13 वर्षीय पुत्र 40 हजार रूपये व घर में रखे समस्त जेवरात लेकर कहीं चला गया है। जिसके सम्बन्ध में थाना पिपरी पर तत्काल मु0अ0सं0 146/2023 धारा 363 भादवि पंजीकृत किया गया था ।

घटना की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी बृजेश श्रीवास्तव द्वारा तत्काल 3 टीमों का गठन कर बच्चे की सकुशल बरामदगी हेतु निर्देशित किया गया था। इस क्रम में जनपदीय सर्विलांस सेल व साइबर सेल की मदद से थाना पिपरी पुलिस टीम के अथक प्रयास से बच्चे को मलूर व्हाईट फील्ड रोड़ बंगलौर (कर्नाटक) से सकुशल बरामद किया गया है। बालक द्वारा घर से ले जाया गया समस्त जेवरात (अनुमानित कीमत करीब 10 लाख रुपये), टैबलेट व मोबाइल को भी सुरक्षित बरामद किया गया ।

बच्चे से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे मोबाइल में Free Fire game खेलने की लत लग गई थी एवं उसकी मनोस्थिति अच्छे बुरे का विचार करने में सक्षम नहीं रह गई थी। इस गेम के आगे के फीचर्स अन्लॉक्ड करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। इसीलिए वह घर से पैसे एवं लॉकर में रखे मम्मी के सारे जेवरात चोरी करके चला गया था। इन्टरनेट के माध्यम से उसे पता चला कि बंगलौर आईटी सिटी बहुत अच्छा शहर है, जहां पर वह बिना किसी रोक टोक के गेम खेल पाएगा एवं नए नए गेम्स के बारे में जानकारी मिलेगी। इसलिए वह उत्सुकतावश वहां चला गया था। जहां पर रेलवे स्टेशन आदि पर रहता था। यह पूछे जाने पर कि उसे घर की याद नहीं आती थी, उसने बताया कि वह गेम की दुनिया में इस तरह खोया रहता था कि उसे घर वालों की याद नहीं आती थी।

पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी ने अभिभावकों को सावधान करते हुए कहा कि – PubG(New State Mobile), Free Fire game जैसे ऑनलाइन गेम को अत्यधिक खेलने से बच्चों में इन गेमों की लत लग जाती है एवं इसका प्रभाव उनके मस्तिष्क पर पड़ता है। जिससे वे चिड़चिड़े होते चले जाते हैं। अपने पेरेंट्स की बात सुनना बंद कर देते हैं और वे अपने जीवन में लड़ाकू व गुस्सैल किस्म के हो जाते हैं। इसके अलावा इन गेम्स की आगे की स्टेज को अनलॉक करने के लिए अपने घर वालों का बैंक अकाउंट तक खाली कर देते हैं। जब इनको घर से पैसा नहीं मिलता तो बाहर से पैसे की व्यवस्था करते हैं, जिसके लिए वे घर की ज्वैलरी व महंगा समान तक ले जाते हैं। अतः अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि उनके बच्चे मोबाइल में कोन-सा गेम खेल रहे हैं या क्या देख रहे हैं। इस पर विशेष ध्यान देकर सतर्क दृष्टि बनाए रखें एवं बच्चे द्वारा इस प्रकार के गेम खेले जाने की जानकारी पाये जाने पर उसकी मनोचिकित्सक से काउन्सलिंग कराएं तथा कम उम्र के बच्चों को टेबलेट एवं महगे गैजेट्स आदि का जरूरत से ज्यादा समय तक उपयोग न करने दें।

Comments are closed.