Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में आज शाम विधायक दल (Legislative Party) की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर मोहर लगेगी। विधायक दल (Legislative Party) की बैठक तो महज औपचारिक हैं। मुख्यमंत्री के नाम का फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह कर चुके हैं। मात्र औपचारिक रूप से घोषणा होना बाकी हैं। इसलिए यह नहीं कह सकते हैं कि विधायको की पसंद से मुख्यमंत्री चुना जायेगा। मुख्यमंत्री का नाम चौकाने वाला भी हो सकता है।
मुख्यमंत्री के साथ-साथ जाति के आधार पर तालमेल बिठाते हुए दो उप मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदि के नाम ऊपर से तय हो चुके हैं। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिवराज सिंह, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल के नाम सबसे ऊपर दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनावों को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान को चुनें जाने की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है। अगर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री नहीं बने तो नरेन्द्र सिंह तोमर के नाम पर शिवराज सहित भाजपा के सभी नेता सहमत हो सकते हैं। तोमर सभी नेताओं के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम हैं।
तोमर के साथ दो उप मुख्यमंत्री के रूप में प्रहलाद सिंह पटेल व तुलसीराम सिलावट को बनाया जा सकता है और गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष, कैलाश विजयवर्गीय को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर सहमति बन सकती हैं। अगर नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री का पद लेने से इंकार किया तो फिर शिवराज सिंह चौहान की पसंद गोपाल भार्गव हो सकते हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर राज़ी हो सकते हैं। अन्य नाम पर सहमति बनना मुश्किल हैं।
तीसरा संभावित नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल का भी चल रहा है। अगर प्रहलाद सिंह पटेल मुख्यमंत्री बनते है तो दो उप मुख्यमंत्री में एक सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और महिला आदिवासी के नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है, जिसमें निर्मला भूरिया का नाम हो सकता है।
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अभी भी पार्टी शिवराज सिंह चौहान पर भरोसा जता सकती है क्योंकि जल्दी ही लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं। “शिवराज से बेहतर राज्य की ब्यूरोक्रेसी को कोई नहीं समझता। अगर लोकसभा चुनाव के दौरान शिवराज सिंह सीएम नहीं होंगे तो बिना वजह कई दिक्कतें आ जाएंगी।”
डॉ नरोत्तम मिश्रा संगठन के कुशल रणनीतिकार
प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा को संगठन के मामले में कुशल रणनीतिकार और जोड़ तोड़ में माहिर माना जाता हैं। डॉ नरोत्तम मिश्रा को राजनीति का चाणक्य कहा जाता हैं। शाम, दाम, दण्ड, भेद अपनाते हुए संगठन को चलाने में माहिर हैं। लोकसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के सबसे योग्य मजबूत उम्मीदवार हैं। जो संगठन में भीतरघात को दबा सकते हैं और बगावत को सफलता पूर्वक रोक सकते है।